भारतीय पुनर्जागरण: कारण और महत्व

18वीं शताब्दी के अन्त तक भारत में ब्रिटिश साम्राज्यवाद की जड़ें जम चुकी थीं। राजनीतिक सत्ता की स्थापना के साथ-साथ पाश्चात्य संस्कृति एवं विचारधारा भारतीय जनजीवन को प्रभावित करने लगी थी। राजा राममोहन राय, स्वामी विवेकानन्द आदि महापुरुषों ने धार्मिक और सामाजिक आन्दोलन चलाकर सोते हुए भारतीयों को जगाने का प्रयास किया।

कारण

  • धार्मिक व सामाजिक कुप्रथाएं: 19वीं शताब्दी का भारत अनेक धार्मिक व सामाजिक कुरीतियों से ग्रसित था। धर्म के क्षेत्र में अनेक कर्मकाण्डों का प्रचलन था, तो सामाजिक क्षेत्र में छुआछूत,सती प्रथा, बाल-विवाह तथा विधवा विवाह निषेध का प्रचलन था। ऐसी दशा में भारतीय चिन्तकों ने समाज में ....

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