दादा भाई नोरोजी की भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में भूमिका

4 सितंबर 1825 को मुंबई के एक पारसी परिवार में जन्मे दादाभाई नौरोजी को 'भारतीय राजनीति का पितामह' कहा जाता है। 4 वर्ष की अवस्था में उनके पिता का देहांत हो गया था तथा उनकी मां ने अपने दुर्लभ प्रयासों द्वारा आगे की परवरिश एवं शिक्षा-दीक्षा की व्यवस्था की। दादाभाई नौरोजी ने उच्च शिक्षा प्राप्त करके मात्र 25 वर्ष की आयु में वे एलफिनस्टोन इंस्टीट्यूट, मुंबई में लीडिंग प्रोफेसर के तौर पर नियुक्त होने वाले पहले भारतीय बने, बाद में उन्होंने लंदन के यूनिवर्सिटी कॉलेज में अपनी शिक्षण सेवाएं दी।

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में दादा भाई नौरोजी का योगदान

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