भूदान एवं ग्रामदान आंदोलन

भूदान आंदोलन, एक सामाजिक-राजनीतिक आंदोलन था, जिसे 1951 में विनोबा भावे द्वारा प्रारंभ किया गया था। श्री भावे ने भूदान आंदोलन के माध्यम से धनी जमींदारों को अपनी भूमि का एक हिस्सा भूमिहीन किसानों को दान करने के लिये प्रेरित किया था। उनका यह विचार था कि भू-स्वामियों को गरीबों हेतु करुणा एवं सहानुभूति के साथ अपनी भूमि दान करनी चाहिये।

  • भूदान आंदोलन का अगला चरण ग्रामदान आंदोलन या ग्राम उपहार आंदोलन था। इसका उद्देश्य भूमि के सामूहिक स्वामित्त्व के माध्यम से आत्मनिर्भर गांव बनाना था। ग्रामदान आंदोलन के तहत ग्रामीणों से आग्रह किया गया कि वे अपनी भूमि एक ग्राम ....
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