उदारीकृत प्रेषण योजना के तहत भारतीयों द्वारा प्रेषण में वृद्धि
हाल ही में आरबीआई द्वारा जारी वित्तीय वर्ष 2023 के पहली तिमाही के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि उदारीकृत प्रेषण योजना के तहत भारतीयों द्वारा प्रेषण वित्तीय वर्ष 2022 के पहली तिमाही में 3.67 बिलियन डॉलर से 6-04 बिलियन डॉलर हो गया।
- अंतरराष्ट्रीय यात्रा ने वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में उदारीकृत प्रेषण योजनाके तहत भेजे गए 6.04 अरब डॉलर में से 2.92 अरब डॉलर का योगदान दिया, जो उदारीकृत प्रेषण योजना योजना के तहत भेजे गए धन का लगभग 48 प्रतिशत है। एक साल पहले इसी अवधि में, भारतीयों ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर 856.43 मिलियन डॉलर खर्च किए।
- उदारीकृत प्रेषण योजना आरबीआई के तत्वावधान में फरवरी 2004 में प्रारंभ की गई थी।
- योजना के अनुसार, नाबालिगों सहित सभी निवासी व्यक्तियों को किसी भी अनुमेय चालू या पूंजी खाता लेनदेन या दोनों के संयोजन के लिए प्रति वित्तीय वर्ष में 250,000 डॉलर तक स्वतंत्र रूप से विप्रेषित करने की अनुमति होती है।
- यह योजना किसी कॉर्पोरेट, फर्म, हिंदू अविभाजित परिवार एवं ट्रस्ट आदि के लिये उपलब्ध नहीं है।
- उदारीकृत प्रेषण योजना के तहत प्रेषण की आवृति पर कोई प्रतिबंध नहीं है, किंतु एक वित्तीय वर्ष के दौरान भारत में सभी स्रोतों से प्रेषित अथवा उनके माध्यम से खरीदे गए विदेशी मुद्रा की कुल राशि 2,50,000 डॉलर की निर्धारित संचयी (Cumulative) सीमा के भीतर होनी चाहिये।
आर्थिक परिदृश्य
- 1 वन लाइनर समसामयिकी
- 2 ऑल थिंग्स ईवी
- 3 पेमेंट गेटवे प्लेटफ़ॉर्म को सूचीबद्ध करने वाला देश का पहला बैंक
- 4 विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का एक विशेषज्ञ समूह
- 5 एचडीएफ़सी बैंक की पहली महिला शाखा
- 6 गुडफ़ेलो स्टार्टअप
- 7 कोटक क्रेम
- 8 उत्सव जमा योजना
- 9 वन लाइनर समसामयिकी
- 10 ग्लोबल एम्प्लॉयमेंट ट्रेंड्स फ़ॉर यूथ 2022 रिपोर्ट
- 11 ग्रामीण सहकारी बैंकों का सम्मेलन
- 12 प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वृद्धि
- 13 डिजिटल भुगतान सूचकांक
- 14 गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य 2022-23
- 15 इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज
- 16 साझा पंजीकरण सुविधा
- 17 GeM पोर्टल
- 18 अंतरराष्ट्रीय परिवहन मंच
- 19 आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना
- 20 तरलता समायोजन सुविधा पॉलिसी
- 21 भारत-इजरायल सब्जी उत्कृष्टता केंद्र