उत्तराखंड

उत्तराखंड के 7 स्थानीय उत्पादों के लिए जीआई टैग

27 सितंबर, 2021 को उत्तराखंड के सात स्थानीय उत्पादों को भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग प्रदान किया गया है।

ऐपणः यह विशेष अवसरों पर बनाई जाने वाली एक तरह की अल्पना, आलेखन या रंगोली की पारंपरिक कला है। इसमें विशेषकर महिलाओं द्वारा खाली दीवारों और जमीन पर कलात्मक रूप से ऐपण बनाया जाता है।

भोटिया दनः ये भोटिया समुदाय द्वारा निर्मित गर्म, टिकाऊ हाथ से बुने हुए कालीन हैं, जो पारंपरिक डिजाइन पैटर्न के साथ शुद्ध ऊन से बने होते हैं।

रिंगाल शिल्पः रिंगाल बांस की तरह की ही एक झाड़ी है। इससे टोकरियां, चटाईयां आदि बनाई जाती हैं।

टम्टा उत्पाद (ताम्र उत्पाद): यह अपने औषधीय और उपचारात्मक गुणों के लिए प्रसिद्ध है।

मुनस्यारी राजमाः यह उत्तराखंड की ऊंचाई वाली, खनिज समृद्ध भूमि पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में उगाई जाती है, जो अपने पौष्टिक और औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है।

कुमाऊं का च्यूरा तेल (chyura oil); इस बहुउद्देशीय पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक तेल का उपयोग खाद्य प्रयोजनों के लिए और विभिन्न प्रकार के खाद्य उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है।

थुलमा (thulma): यह पारंपरिक कंबल अपनी बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाना जाता है, जिसे मुख्य रूप से भोटिया समुदाय की महिला बुनकरों द्वारा विशेष रूप से हाथ से बुना जाता है।

जीके फ़ैक्ट

  • वर्ष 2016 में तेजपत्ता जीआई टैग पाने वाला राज्य का पहला उत्पाद था।