हाल ही में अमेरिका की ओक रिज नेशनल लेबोरेटरी (Oak Ridge National Laboratory) के द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, इस संस्था के शोधकर्ताओं द्वारा ‘दुर्लभ मृदा तत्वों’ (Rare Earth Elements) के रासायनिक पृथक्करण (chemical separation) पर प्रकाश डालने के लिए अत्याधुनिक विधियों का उपयोग किया जा रहा है। यह दुर्लभ मृदा तत्वों को पुनर्प्राप्त करने और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वैश्विक अर्थव्यवस्था को गति देने में दुर्लभ मृदा तत्वों (Rare Earth Elements) की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता तथा नवीकरणीय ऊर्जा की तरफ वैश्विक अर्थव्यवस्था के संक्रमण के साथ ही एक ‘नई अर्थव्यवस्था’ का सृजन हो रहा है।
दुर्लभ मृदा तत्व क्या हैं?
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महत्व
विविध अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगः इन तत्वों के विशिष्ट गुणों के कारण इनका उपयोग स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक कार, वायुयान के महत्त्वपूर्ण उपकरण, परमाणु हथियार और अंतरिक्ष कार्यक्रमों आदि में होता है। इनकी बहुआयामी उपयोगिता को देखते हुए, भारत सहित वैश्विक स्तर पर इनकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है।
आयात निर्भरता तथा आर्थिक अपरिहार्यताः भारत दुर्लभ मृदा तत्वों के लिए 100 प्रतिशत आयात पर निर्भर है, जो भारत के विदेशी मुद्रा पर भी एक बोझ बनता है। वैश्विक स्तर पर इनकी बढ़ती मांग के कारण दुर्लभ तत्वों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।
चुनौती