उभरती प्रौद्योगिकीः राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती या समाधान

प्रौद्योगिकी प्रगति ने हमेशा ही राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव डाला है। औद्योगिक क्रांति के परिणामस्वरूप हुए प्रौद्योगिकी नवाचार की प्रक्रिया ने उपनिवेशीकरण की दिशा को प्रभावित किया था।

  • भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है तथा वर्तमान समय में यह आधुनिक प्रौद्योगिकियों की बढ़ती स्वीकार्यता के साथ सुरक्षा संबंधी अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है।
  • कुछ प्रमुख उभरती प्रौद्योगिकियां:
    • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI),
    • इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT),
    • ब्लॉकचेन और डिस्ट्रीब्यूटिव लेजर प्रौद्योगिकी,
    • रोबोटिक्स तथा ऑटोमेशन सिस्टम,
    • क्वांटम-सक्षम प्रौद्योगिकियां,
    • जैव प्रौद्योगिकी।

चुनौती

  • मानव रहित हवाई वाहन जैसी तकनीक का इस्तेमाल सुरक्षा बलों को धोखा देने, उनका ध्यान भटकाने अथवा उन्हें असंवेदनशील बनाने के लिए किया जा सकता है।
  • साइबर घुसपैठिए नियंत्रण प्रणाली तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं और किसी दिए गए भौगोलिक क्षेत्र विशेष में अनुमति प्रदान करने तथा खतरे संबंधी नियमों में परिवर्तन करके चुनौतियों में वृद्धि कर सकते हैं।
  • ऑटोमेशन तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी तकनीक पर अति-निर्भरता से साइबर हमलों तथा सुरक्षा संबंधी तकनीक की जटिलता में वृद्धि होने की संभावना है।
  • समान प्रकार की तकनीक का उपयोग करके आतंकवादी तथा अन्य राष्ट्र विरोधी गुट अधिक कुशल हमलों की योजना बनाने और संचालित करने में सफल हो सकते हैं।
  • साइबर प्रौद्योगिकी द्वारा उत्पन्न हैकिंग संबंधी जोखिम, बुनियादी साइबर ढांचे को विकृत करने की क्षमता रखते हैं। प्रौद्योगिकी अंतर-निर्भरता के कारण इस प्रकार की प्रौद्योगिकियों के अधिक उपयोग से एक ही समय में एक से अधिक स्थलों को निशाना बनाया जा सकता है।

भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम

  • 2015 में केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 तक पूरे देश में 73 स्वदेशी सुपर कंप्यूटर स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटिंग मिशन शुरू किया गया था।
  • वर्ष 2020 में क्वांटम प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों पर राष्ट्रीय मिशन की घोषणा की गई।
  • इसके अंतर्गत संचार, कंप्यूटिंग सामग्री तथा क्रिप्टोग्राफी के लिए क्वांटम प्रौद्योगिकियों के विकास की निगरानी से संबंधित उद्देश्य निर्धारित किए गए थे।
  • भारतीय सेना कथित तौर पर निर्देशित ऊर्जा हथियार, वैकल्पिक रूप से मानवयुक्त लड़ाकू प्लेटफॉर्म और ग्रुप ड्रोन जैसी उन्नत सैन्य प्रणालियां विकसित कर रही है।
  • भारत में एक रक्षा साइबर एजेंसी और एक राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन है, जो देश के लिए साइबर जोखिमों और खतरों का मुकाबला करने हेतु काम करने वाले तंत्र के लिए उत्तरदायी है।

निष्कर्ष

रक्षा क्षेत्र में बढ़ती भागीदारी के साथ भारत वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। इस संदर्भ में, उभरती नवीन प्रौद्योगिकियों के व्यापक उपयोग तथा सुरक्षा संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए एक विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार किए जाने की आवश्यकता है।