RBI गवर्नर रघुराम राजन ने मौद्रिक नीति के ढांचा संशोधन करने और इसे मजबूत करने के लिए सितंबर, 2013 में डॉ- उर्जित पटेल की अध्यक्षता मे एक समिति का गठन किया गया, जिसने अपनी रिपोर्ट 21 जनवरी, 2014 को सौंप दी।
रिपोर्ट में मौद्रिक नीति के संचालन की विनियमन, राजकोषीय तथा अन्य बाधाओं को चिह्नित करने के साथ ही मौद्रिक नीति के संगठनात्मक ढांचे तथा उसके परिचालन की रुपरेखा व उसके उपकरणों की समीक्षा करना आदि लक्ष्यों पर निम्न लिखित प्रस्ताव प्रस्तुत किए-
मौद्रिक नीति के निर्धारण के लिए आरबीआई को नया CPI अपनाना चाहिए।
मौद्रिक नीति संबंधी निर्णय MPC (मौद्रिक निति समिति) को सौंपा जाना चाहिए, जिसका अध्यक्ष आरबीआई गवर्नर हो।
सरकार को राजकोषीय घाटे को FRBM एक्ट, 2003 के तहत 2016-17 तक 3% तक लाना चाहिए।
MSS (बाजार स्थिरीकरण योजना) तथा CMB (नगद प्रबंधन बिल) को समाप्त किया जाना चाहिए।