अनिवासी भारतीयों को मताधिकार

दिसम्बर, 2020 में भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India-ECI) ने कानून और न्याय मंत्रालय को सूचित किया है कि वह अगले वर्ष असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में होनेने वाले चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित पोस्टल बैलट सिस्टम (ETPBS) का प्रयोग गैर-निवासी भारतीय (NRI) के लिये करने हेतु ‘तकनीकि और प्रशासनिक रूप से तैयार है’।

पृष्ठभूमि

वर्ष 2013 और 2014 में ECI ने कई सांसदों, उद्योगपतियों, मंत्रियों के अनुरोध करने और सर्वोच्च न्यायालय (SC) में गैर-निवासी भारतीयों द्वारा याचिका दायर करने के बाद संभावित विकल्पों की तलाश शुरू कर दी थी।

  • वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद मुख्य रूप से तीन विकल्पों का अध्ययन करने के लिये एक 12 सदस्यीय समिति का गठन किया गया थाः
    • डाक द्वारा मतदान।
    • विदेशों में भारतीय मिशनों पर मतदान
    • ऑनलाइन वोटिंग।
  • समिति ने ऑनलाइन मतदान से इनकार कर दिया। इसके पीछे उनका मत था कि यह ‘मतदान की गोपनीयता’ को खत्म कर सकता है, इसके अलावा पर्याप्त संसाधनों के अभाव के कारण विदेशों में भारतीय मिशनों पर मतदान करने के प्रस्ताव को भी रद्द कर दिया।
  • वर्ष 2015 में पैनल ने समिति से सिफारिश की कि NRIs को व्यक्तिगत रूप से मतदान के अलावा ‘ई-पोस्टल बैलट और प्रॉक्सी वोटिंग जैसे अतिरिक्त वैकल्पिक विकल्प’ दिये जाएं।
  • प्रॉक्सी वोटिंग के तहत एक पंजीकृत मतदाता अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग एक प्रतिनिधि के माध्यम से कर सकता है।
  • वर्तमान में भारत में रहने वाले मतदाताओं (सेवा मतदाता) की कुछ श्रेणियों के लिये डाक मतपत्रों की अनुमति है, जिसमें शामिल हैं:
    • सशस्त्र बलों के सदस्य।
    • किसी राज्य के सशस्त्र पुलिस बल के सदस्य, जो उस राज्य के बाहर सेवारत हैं।
    • भारत सरकार के अधीन किसी पद पर भारत के बाहर कार्यरत व्यक्ति।
  • वर्ष 2017 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने NRIs के लिये प्रॉक्सी वोटिंग अधिकारों पर प्रस्ताव पारित किया और जनप्रतिनिधित्व कानून 1950 में संशोधन के लिये एक विधेयक लाया गया।
  • हालांकि 16वीं लोकसभा के विघटन होने के कारण यह बिल राज्यसभा में निरस्त हो गया और इस प्रस्ताव को दोबारा नहीं लाया गया।
  • विदेशी मतदाताओं को पोस्टल मतदान की सुविधा प्रदान करने के लिये सरकार को केवल चुनाव नियम, 1961 में संशोधन करने की आवश्यकता है। इसके लिये संसद की अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

NRIs के लिये वर्तमान मतदान प्रक्रिया

NRIs के लिये मतदान का अधिकार जनप्रतिनिधित्व कानून, 1950 में संशोधन के माध्यम से वर्ष 2011 में पुरःस्थापित किया गया था।

  • एक NRIs पासपोर्ट में उल्लेखित अपने निवास स्थान के निर्वाचन क्षेत्र में मतदान कर सकता है।
  • वह केवल व्यक्तिगत रूप से मतदान कर सकता है और मतदान केंद्र पर अपनी पहचान सिद्ध करने के लिये उसे अपने पासपोर्ट की मूल प्रति उपलब्ध करानी होगी।