दिसम्बर, 2021 में, केंद्र सरकार केंद्रीय सिविल सेवाओं की तर्ज पर अखिल भारतीय न्यायिक सेवा (AAIJS) को नए सिरे से स्थापित करने की तैयारी कर रही है।
विगत प्रस्ताव
AIJS को पहली बार वर्ष 1958 में विधि आयोग की 14वीं रिपोर्ट द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
सर्वोच्च न्यायालय का रुखः वर्ष 1992 में ऑल इंडिया जजेज एसोसिएशन बनाम द यूनियन ऑफ इंडिया में सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र को ।AIJS स्थापित करने का निर्देश दिया।
एआईजेएस के लाभ
एआईजेएस चुनौतियां
संघीय ढांचे को कमजोर करनाः एआईजेएस को संघीय ढांचे के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए एवं एआईजेएस निर्मित करते समय शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का पालन करना चाहिए।