निपुण भारत कार्यक्रम

जुलाई 2021 में शिक्षा मंत्रालय ने निपुण भारत कार्यक्रम, मूलभूत साक्षरता और संख्या गणना कौशल राष्ट्रीय मिशन आरंभ किया।

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में निर्धारित किया गया है कि सभी बच्चों के लिए मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक कौशल प्राप्त कराने के लिए तात्कालिक राष्ट्रीय मिशन बनाना चाहिए। इस मिशन को केन्द्र प्रायोजित योजना-समग्र शिक्षा के तहत आरंभ किया गया है।

मिशन का उद्देश्यः यह सुनिश्चित करना है कि देश का प्रत्येक बालक वर्ष 2026-27 तक कक्षा 3 के अंत तक मूलभूत साक्षरता और संख्या गणना कौशल आवश्यक रूप से प्राप्त कर सके।

  • बच्चों को धारणीय पठन और लेखन कौशल से युक्त समझ के लिए प्रेरित करना तथा उन्हें स्वतंत्र और व्यस्त पाठक एवं लेखक बनने में सक्षम बनाना है।
  • बच्चों के संख्या, माप और आकार के मामले में तर्क को समझने तथा उन्हें संख्यात्मकता और स्थानिक समग्र कौशल के माध्यम से समस्या समाधान में स्वतंत्र बनने में सक्षम बनाना है।
  • शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों, शैक्षणिक संसाधनों से जुड़ें व्यक्तियों और शिक्षा प्रणाली के प्रशासकों के निरंतर क्षमता निर्माण पर ध्यान देना।

जीरो ड्रॉपआउट पंचायत

  • झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद् (जेईपीसी) यह सुनिश्चित कर रही है कि प्रत्येक ब्लॉक में ‘जीरो ड्रॉपआउट पंचायत’ की संकल्पना को कार्यान्वित करने के लिए पूरे राज्य के सरकारी स्कूलों में सभी को अनिवार्य बुनियादी सुविधाएं प्राप्त हों।
  • यह संकल्पना ड्रॉपआउट दर को समाप्त करने के लिए सभी ग्राम पंचायतों के मुखिया को सचेत करने के बारे में है।
  • सभी ग्राम पंचायतों के मुखिया यह सुनिश्चित करेंगे कि 6 से 14 वर्ष की आयु समूह में आने वाले सभी बच्चों को अपनी-अपनी पंचायतों में निकटतम स्कूलों में दाखिला दिया जाए।
  • बच्चों की परिचित/घरेलू/मातृभाषा में उच्च गुणवत्ता और सांस्कृतिक रूप से अनुक्रियाशील शिक्षण समाग्री की उपलब्धता एवं प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना।
  • खेल, खोज और गतिविधियों आधारित शिक्षाशास्त्र को शामिल करके तथा उसे बच्चों की दैनिक जीवन स्थितियों से जोड़कर और बच्चों की घरेलू भाषाओं को औपचारिक रूप से शामिल करके एक समावेशी कक्षा परिवेश सुनिश्चित करना।
  • सभी छात्रों के अधिगम स्तर की निगरानी सुनिश्चित करना।

मिशन का लक्ष्यः मूलभूत साक्षरता और संख्या गणना का सार्वभौमिक अधिग्रहण सुनिश्चित करना है, जिससे शैक्षणिक सत्र 2026-27 तक प्रत्येक बालक कक्षा III के अंत और कक्षा ट से पूर्व पढ़ने, लिखने व अंकगणित में वांछित सीखने की क्षमता प्राप्त कर सके।

  • जो बालक कक्षा 4 और 5 में हैं और जिन्होंने मूलभूत कौशल प्राप्त नहीं किया है, उनकी आवश्यक क्षमताएं अर्जित करने में मदद करने हेतु व्यक्तिगत शिक्षक मार्गदर्शन व सहायता और साथियों का समर्थन उपलब्ध करवाया जाएगा। साथ ही आयु के अनुसार उपयुक्त और आवश्यक अनुपूरक श्रेणीबद्ध शिक्षण सामग्री प्रदान की जाएगी।