समग्र शिक्षा कार्यक्रम

भारत सरकार ने 2018-19 में समग्र शिक्षा- स्कूली शिक्षा के लिए एक एकीकृत योजना लांच की। यह स्कूल पूर्व से 12वीं कक्षा तक स्कूल शिक्षा क्षेत्र के लिए महत्वकांक्षी कार्यक्रम है।

उद्देश्यः स्कूल शिक्षा के सभी स्तरों पर समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्ता शिक्षा सुनिश्चित करना है।

  • स्कूल शिक्षा के सभी स्तरों पर लैंगिक और सामाजिक अंतराल को कम करना है।
  • स्कूली प्रावधानों में न्यूनतम मानकों को सुनिश्चित करना।
  • शिक्षा के व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देना।
  • निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 को लागू करने में राज्यों की सहायता करना।
  • शिक्षक प्रशिक्षण के लिए नोडल एजेंसियों के रूप में राज्य शिक्षा संस्थानों (एससीईआरटी) और डाइट का मजबूती प्रदान करना।
  • विद्यालयी शिक्षा के प्रत्येक स्तर पर समानता तथा समावेश को ध्यान में रखना।
  • विद्यार्थियों हेतु शिक्षा तथा सीखने के प्रतिफलों में विकास संबंधी प्रावधान।

समग्र शिक्षा योजना 2.0

  • आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वित्तीय वर्ष 2025-26 तक के लिये स्कूली शिक्षा कार्यक्रम ‘समग्र शिक्षा योजना 2.0’ को मंजूरी दे दी है।
  • इसे शिक्षा हेतु सतत् विकास लक्ष्य और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ संरेखित करने के लिये अपग्रेड किया गया है।

योजना की विशेषताएँ: योजना की प्रत्यक्ष पहुंच को बढ़ाने के लिये सभी बाल-केंद्रित हस्तक्षेप छात्रों को सीधे सूचना प्रौद्योगिकी-आधारित प्लेटफॉर्म पर DBT मोड के माध्यम से समय-समय पर शिक्षा का अधिकार पात्रता के तहत पाठ्यपुस्तक, ड्रेस और परिवहन भत्ते प्रदान किये जाएंगे।

  • बाल अधिकार संरक्षण एवं सुरक्षा हेतु राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को राज्य में प्रति प्राथमिक विद्यालय 50 रुपए की दर से वित्तीय सहायता।
  • समग्र, 360-डिग्री, संज्ञानात्मक, भावात्मक और मनोप्रेरणा डोमेन में प्रत्येक शिक्षार्थी की प्रगति/विशिष्टता दिखाने वाली बहु-आयामी रिपोर्ट को समग्र प्रगति कार्ड (HPC) के रूप में पेश किया जाएगा।

योजना की विशेषताएँ: इस योजना में स्कूल की परिकल्पना निरंतरता के रूप में की गई है। पूर्व प्राइमरी, अपर प्राइमरी, माध्यमिक से उच्च माध्यमिक को स्कूल माना गया है और इसमें पहले की केंद्र की प्रायोजित योजनाएं- सर्व शिक्षा अभियान(एसएसए), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) तथा शिक्षक शिक्षा (टीई) शामिल हैं।

  • योजना की पहुंच अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों और बच्चों तक है।
  • इसमें शहरी वंचित बच्चों, समय-समय पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने से प्रभावित बच्चों तथा दूरदराज और छिटपुट आबादियों में रहने वाले बच्चों पर भी ध्यान दिया गया है।
  • समग्र शिक्षा योजना ग्रामीण क्षेत्रों सहित राज्यों को स्कूल अवसंरचना मजबूत बनाने में समर्थन देती है।
  • इसमें शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (यूडीआईएसई) द्वारा अंतर आधार पर निर्धारित वर्तमान स्कूलों की अवसंरचना को मजबूत बनाने का प्रावधान है।
  • इसके तहत वर्तमान स्कूल भवनों, शौचालयों तथा स्कूल अवसंरचना को उन्नत बनाए रखने के लिए अन्य सुविधाओं के वार्षिक रखरखाव और मरम्मत का भी प्रावधान है।