अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री का नया 15 सूत्रीय कार्यक्रम

अल्पसंख्यकों में सुरक्षा की भावना उत्पन्न करने की आवश्यकता को देखते हुए और सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए मई 1983 में माननीय तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा एक विशेष 15 सूत्रीय कार्यक्रम की घोषणा की थी।

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) द्वारा उनकी पहली और दूसरी वार्षिक रिपोर्टों में दिए गए सुझावों तथा दिसंबर, 1996 में स्थापित की गई राज्यपालों की समिति द्वारा की गई अनुशंसाओं के मद्देनजर कार्यक्रम के संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया गया और संशोधित 15 सूत्री कार्यक्रम के विशिष्ट संदर्भों में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता तथा आर्थिक सुधार हेतु रोजगार के अवसरों के अतिरिक्त विषयों को शामिल करने की मांग की गईं। तथापि, इस मामले में निर्णय को जून, 1999 में स्थगित कर दिया गया। प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्रीय कार्यक्रम के उद्देश्य निम्नलिखित अनुसार हैं:

  1. शिक्षा के लिए अवसरों को बढाना;
  2. मौजूदा एवं नई योजनाओं के जरिए आर्थिक क्रियाकलापों और रोजगार में अल्पसंख्यकों के लिए उचित हिस्सा सुनिश्चित करना, स्व-रोजगार के लिए बढ़ी हुई ऋण सहायता और राज्य तथा केन्द्र सरकार की नौकरियों में भर्ती;
  3. अवसंरचना विकास योजनाओं में उनके लिए उपयुक्त हिस्सा सुनिश्चित करते हुए अल्पसंख्यकों के रहन-सहन की स्थितियों में सुधार करना; और
  4. सांप्रदायिक असामंजस्य और हिंसा की रोकथाम तथा नियंत्रण।