उस्ताद (विकास के लिए परम्परागत कलाओं/शिल्पों में कौशल और प्रशिक्षण का उन्नयन)’’ की औपचारिक शुरुआत 14 मई, 2015 को वाराणसी (उ-प्र-) में की गई।
इस योजना का उद्देश्य मास्टर शिल्पकारों और कारीगरों की क्षमता का निर्माण करना और पारंपरिक कौशलों का उन्नयन करना; अल्पसंख्यकों की अभिज्ञात परम्परागत कलाओं/शिल्पों का प्रलेखन करना; परम्परागत कौशलों के लिए मानक निर्धारित करना; मास्टर शिल्पकारों के माध्यम से अल्पसंख्यक युवाओं को विभिन्न अभिज्ञात परम्परागत कलाओं/शिल्पों में प्रशिक्षण देना; राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार लिंकेज विकसित करना; और पिछड़ रही कलाओं/शिल्पों का संरक्षण करना है।