नई शिक्षा नीति 2020

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 का अनुमोदन किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को परामर्श की एक अभूतपूर्व प्रक्रिया के उपरांत तैयार किया गया है, जिसमें 2-5 लाख ग्राम पंचायतों, 6,600 प्रखंडों, 6,000 शहरी स्थानीय निकायों तथा 676 जिलों से लिए गए सुझावों को शामिल किया गया है।

  • मई 2016 में, पूर्व मंत्रिमंडल सचिव स्वर्गीय टी.एस.आर. सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में ‘नई शिक्षा नीति के विकास के लिए समिति’ ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
  • इसके आधार पर, मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) ने ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रारूप, 2016’ के लिए कुछ सुझावों को तैयार किया था।
  • जून 2017 में डॉ. के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में ‘प्रारूप राष्ट्रीय शिक्षा नीति हेतु समिति’ का गठन किया गया था, जिसने प्रारूप ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2019’ को प्रस्तुत किया।

नीति का उद्देश्यः देश में विद्यालय और उच्च शिक्षा प्रणालियों में परिवर्तनकारी सुधारों का पथ प्रशस्त करना है। यह नीति 34 वर्ष पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 को प्रतिस्थापित करेगी।

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, 21वीं सदी की ऐसी प्रथम शिक्षा नीति है, जिसका उद्देश्य देश की कई निरंतर व्यापक होती जा रही विकास संबंधी अनिवार्यताओं को पूर्ण करना है।
  • शिक्षा के विनियमन और अभिशासन सहित इसकी संरचना के सभी पहलुओं में संशोधन और सुधार करने का प्रस्ताव प्रस्तुत करती है, ताकि एक ऐसी नवीन प्रणाली का सृजन किया जा सके, जो सतत विकास लक्ष्य-4 (SDG4) सहित 21वीं सदी की शिक्षा के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के अनुरूप हो तथा साथ ही साथ भारत की परंपराओं और मूल्यों को भी समाविष्ट करती हो।

नीति का लक्ष्यः ऐसी शिक्षा प्रणाली स्थापित करना, जो सभी को उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करके एक समतामूलक तथा जीवंत ज्ञान से परिपूर्ण समाज की स्थापना में योगदान कर सके।

  • अपने देश के साथ एक दृढ़ बंधन स्थापित करते हुए मूल अधिकारों, कर्तव्यों तथा संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की एक गहन भावना का सृजन करना तथा परिवर्तित होते विश्व में अपनी भूमिका और उत्तरदायित्वों के विषय में सचेतन जागरूकता विकसित करना।
  • वर्ष 2015 में भारत द्वारा अपनाए गए सतत विकास एजेंडा, 2030 के लक्ष्य 4 (SDG4) में परिलक्षित वैश्विक शिक्षा विकास एजेंडे के तहत वर्ष 2030 तक सभी के लिए समावेशी और समतापूर्ण गुणवत्तायुक्त शिक्षा को सुनिश्चित करने तथा सभी लोगों के लिए जीवनपर्यंत अधिगम अवसरों को प्रोत्साहित करने का प्रयोजन समाविष्ट करना है।