भारत-चीन

सीमा से सम्बद्ध चुनौतियां

जम्मू-कश्मीर में अक्साई चिन के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश में छुट-पुट आक्रामकता के साथ सीमा विवाद।

  • यद्यपि सीमावर्ती व्यापार के लिए केवल तीन निर्दिष्ट क्षेत्र हैं; तथापि इन सीमा-स्थलों के माध्यम से चीन के इलेक्ट्रॉनिक और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं की बड़े पैमाने पर तस्करी होती है।
  • अत्यधिक ऊंचाई और सघन बसाव के कारण अपर्याप्त अवसंरचना। हालांकि, चीन ने हवाई, सड़क और रेल अवसंरचना के साथ-साथ सीमा के निकट निगरानी क्षमताओं को उन्नत करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए हैं।
  • चीन की सीमा पर एकल PLA कमांडर के विपरीत भारतीय सीमा पर विभिन्न सुरक्षा बल तैनात हैं (उदाहरण के लिए- ITBP, असम राइफल्स, विशेष सीमा बल)।
  • जल की साझेदारी का मुद्दा क्योंकि चीन अपनी ओर बांध का निर्माण कर रहा है, जिससे भारत की ओर जल का प्रवाह कम हो रहा है।

सरकार द्वारा आरंभ की गयी पहले

अवसंरचना का निर्माणः भारत सैन्यदल के आवागमन का समय कम करने हेतु कुछ महत्वपूर्ण पुलों का निर्माण कर रहा है। उदाहरण, ढोला-सादिया पुल।।

  • चीन को नियंत्रित करने के लिए उत्तर-पूर्व में अवसंरचना परियोजनाओं को शीघ्रता से विकसित करने हेतु भारत ने जापान का सहयोग प्राप्त किया है।
  • सीमा सड़क निर्माण में तीव्रता लाने हेतु, रक्षा मंत्रालय ने सीमा सड़क संगठन (BRO) को प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां सौंपने का निर्णय लिया है।