भारत-बांग्लादेश

सीमा से सम्बद्ध चुनौतियां

जल विवादः तीस्ता नदी जल का बंटवारा, बराक नदी पर भारत द्वारा बांध का निर्माण आदि।

अवैध प्रवासनः 1971 के स्वतंत्रता के युद्ध, जिसके कारण बांग्लादेश राज्य का सृजन हुआ, के पश्चात् लाखों बांग्लादेशी प्रवासी (जिनमें से अधिकांश अवैध थे) भारत आये।

  • नदी क्षेत्रों की उपस्थिति, स्थानीय जनसंख्या द्वारा विरोध, भूमि अधिग्रहण में विलंब जैसे मुद्दों के कारण सीमा पर अपर्याप्त बाड़।
  • जामदानी साड़ी, चावल, नमक जैसी वस्तुओं के साथ-साथ मवेशियों की तस्करी।

सरकार द्वारा आरंभ की गयी पहले

सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती राज्यों के साथ सीमा संरक्षण ग्रिड (BPG) की स्थापना की घोषणा की है। इसमें भौतिक अवरोध, गैर-भौतिक अवरोध, निगरानी प्रणाली, खुफिया एजेंसियां, राज्य पुलिस, BSF शामिल हैं। यह समग्र सीमा सुरक्षा में राज्यों के लिए अधिक सहायता सुनिश्चित करने हेतु राज्यों को भी भूमिका प्रदान की जाएगी।

  • पुतखली और दौलतपुर पर BGB (सीमा गार्ड बांग्लादेश) सीमा चौकी तथा गुनरमठ और कल्याणी पर BSF सीमा चौकी के मध्य 8.3 किमी का अपराध मुक्त क्षेत्र स्थापित किया गया है। इस पहल का उद्देश्य उन सीमावर्ती स्थानों का चयन करना है। जो अवैध, असामाजिक एवं आपराधिक गतिविधियों से मुक्त हैं।
  • कड़ी निगरानी हेतु क्लोज्ड-सर्किट कैमरे, सर्चलाइट्स, थर्मल इमेजिंग डिवाइस और ड्रोन जैसे सीमा निगरानी उपकरणों का प्रतिष्ठापन।
  • BSF और BGB सीमा क्षेत्र में अपराध की रोकथाम के संबंध में स्थानीय लोगों के मध्य जागरूकता भी उत्पन्न कर रहे हैं।