वर्तमान कोविड-19 महामारी शासन 3.0 के दौरान ही उत्पन्न हुई और इस शासन के इस स्वरूप के ‘ट्रायल एंड एरर’ दृष्टिकोण से इस महामारी के बेतरतीब प्रबंधन एवं नकारात्मक प्रभाव सामने आए।
हाल ही में हुए विश्व आर्थिक मंच के दावोस शिखर सम्मेलन में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि वैश्विक शासन व्यवस्था अब अपने पिछले अनुपयुक्त स्वरूपों से शासन 4-0 की ओर अग्रसर हो जो अधिक समावेशन के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक धारणा पर केंद्रित हो।
शासन 4.0 में निहित दृष्टिकोण
दीर्घकालिक रणनीतिक योजना का निर्माणः शासन 4.0 के तहत वर्तमान अल्पकालिक प्रबंधन दृष्टिकोण को दीर्घकालिक रणनीतिक दृष्टिकोण द्वारा प्रतिस्थापित करना होगा।
व्यवसायों द्वारा उत्तरदायित्व ग्रहण करनाः नए मॉडल के अंतर्गत अतीत के ‘टनल विजन’ (Tuel Vision) या संकीर्ण दृष्टिकोण और अद्योमुखी दृष्टिकोण (Top-Down Approach) को प्रतिस्थापित करना होगा। विसंगतियों से भरी जटिल और परस्पर-संबद्ध दुनिया में समाज के प्रत्येक हितधारक की भूमिकाओं में परिवर्तन लाया जाना चाहिये।
उभरती प्राथमिकताएँ: अर्थशास्त्र की संकीर्ण अवधारणा और अल्पकालिक वित्तीय हितों पर बल देना बंद करना होगा। इसके बजाय समाज और प्रकृति की प्रधानता किसी भी नई शासन प्रणाली के मूल में निहित होनी चाहिये। निश्चय ही वित्त और व्यवसाय अत्यंत महत्वपूर्ण हैं लेकिन उन्हें समाज और प्रकृति की सेवा करनी चाहिये, न कि समाज और प्रकृति का उपयोग करना चाहिये।
नए नेतृत्वकर्त्ताः कई नेतृत्वकर्त्ता शासन के एक नए युग का नेतृत्व करने को इच्छुक हैं, जिनमें पर्यावरण, समाज एवं शासन संबंधी मेट्रिक्स की वकालत करने वाले व्यावसायिक कार्यकारी से लेकर कुछ राजनीतिक नेता तक सभी शामिल हैं।
शासन के स्वरूप
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