यह राष्ट्रीय साक्षरता मिशन का नया संस्करण है जिसका शुभारंभ तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा 8 सितंबर, 2009 को किया गया था। प्रारंभ में यह योजना 11वीं योजना अवधि के समाप्ति अर्थात 31 मार्च, 2012 तक प्रचलन में थी, परंतु इस कार्यक्रम को 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-2017) के लिए बढ़ा दिया गया था।
इस कार्यक्रम के अधीन एक जिला, जिसमें पूर्व जिले में से काटकर एक नए जिले को शामिल किया गया हो तथा जिसकी प्रौढ़ महिलाओं की वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार साक्षरता दर 50 प्रतिशत से कम हो, उसे शामिल करने के लिए पात्र माना गया है। इसके अतिरिक्त, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित (एलडब्ल्यूईए) सभी जिले, साक्षरता दर पर ध्यान दिए बगैर इस कार्यक्रम के तहत शामिल किए जाने के पात्र हैं।
उद्देश्य
घटक इस कार्यक्रम के घटक हैः (i) आजीवन-शिक्षा (ii) औपचारिक शिक्षा प्रणाली के समकक्षता के माध्यम से बुनियादी शिक्षा (iii) व्यावसायिक कौशल विकास और (iv) कार्यात्मक साक्षरता। |