एकीकृत बाल विकास सेवा योजना (आईसीडीएस) एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जो 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों और उनकी माताओं को भोजन, स्कूल-पूर्व शिक्षा तथा प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा आदि प्रदान करता है। ये सेवाएं मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित आंगनवाड़ी केंद्रों और फ्रंटलाइन श्रमिकों के द्वारा प्रदान की जाती हैं। कुपोषण और स्वास्थ्य समस्याओं से लड़ने के अलावा कार्यक्रम का उद्देश्य लड़कियों को लड़कों के समान संसाधन प्रदान करके लैंगिक असमानता को दूर करना है।
उद्देश्य
|
ICDS के तहत योजनाएं
आंगनवाड़ी सेवा योजनाः 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती / स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए पूरक पोषण सुनिश्चित करना।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई): पीएमएमवीवाई के तहत गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं (पीडब्ल्यू और एलएम) के बैंक / डाकघर के खाते में सीधे 5,000 रुपए का नकद प्रोत्साहन दिया जाता है। यह परिवार के पहले जीवित बच्चे एवं मातृ और बाल स्वास्थ्य से संबंधित विशिष्ट शर्तों को पूरा करने पर ही प्रदान किया जाता है।
राष्ट्रीय क्रेच योजनाः इसका उद्देश्य काम करने वाली माताओं के बच्चों के लिए एक सुरक्षित स्थान प्रदान करना है। यह काम करने वाली माताओं को रोजगार जारी रखने के लिए सशक्त बनाता है।
पोषण अभियान (राष्ट्रीय पोषण मिशन): राष्ट्रीय पोषण मिशन (National Nutrition Mission- NNM) का उद्देश्य छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोरियों में कुपोषण और एनीमिया को कम करना है। एक अनुमान के मुताबिक इस योजना से कुल 100 मिलियन लोग लाभान्वित होंगे। NNM नीति आयोग द्वारा तैयार की गई राष्ट्रीय पोषण रणनीति (National Nutrition Strategy) द्वारा समर्थित है। इस रणनीति का उद्देश्य वर्ष 2022 भारत को कुपोषण से मुक्त करना है। यह मिशन आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं (Anganwadi Workers- AWWs) को सुचन एवं प्रौद्योगिकी आधारित उपकरणों का प्रयोग करने, सोशल ऑडिट करने और पोषण संसाधन केंद्र स्थापित करने के लिये प्रोत्साहित करेगा।
किशोर बालिकाओं के लिए योजनाः यह 11 से 14 वर्ष आयु वर्ग की स्कूली लड़कियों को लक्षित करता है। इसका उद्देश्य उनकी पोषण और स्वास्थ्य स्थिति में सुधार करना है।
बाल संरक्षण योजनाः यह बच्चों की सुरक्षा को सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए एक कार्यक्रम है। इसमें बच्चों की देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया जाता है, संघर्ष में किशोर और अन्य कमजोर बच्चों के साथ संपर्क किया जाता है। 2006 में प्रस्तावित और 2009 में कार्यान्वित ICPS को राज्य स्तर पर राज्य बाल संरक्षण समितियों और समाजों एवं जिला स्तर पर जिला बाल संरक्षण समितियों द्वारा अन्य संस्थानों में प्रशासित किया जाता है।
समस्याएं
2005 के एक अध्ययन में पाया गया कि आईसीडीएस कार्यक्रम कुपोषण को कम करने के लिए विशेष प्रभावी नहीं था। इसमें मुख्यतः कार्यान्वयन समस्याओं, कम कवरेज (गरीब राज्यों में) और धन से सम्बंधित समस्याओं को पाया गया।