हाल ही में, अमेरिकी बहुराष्ट्रीय निगम पेप्सिको ने गुजरात के 11 किसानों पर बौद्धिक संपदा अधिकार का उल्लंघन करने के लिए मुकदमा दायर किया है। इन किसानों ने आलू की किस्म FL 2027 को उगाने में प्रयोग किया था; जिसका उपयोग पेप्सिको द्वारा चिप्स बनाने में किया जाता है।
पृष्ठभूमि
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पेप्सिको का दृष्टिकोण और दावे
अधिनियम की धारा 28 में पेप्सिको को विभिन्न प्रकार के उत्पादन का विशेष अधिकार प्रदान किया गया है। इसने अपने अधिकारों के उल्लंघन होने पर पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम की धारा 64 के आधार पर दावा किया था। यह खंड पंजीकृत लाइसेंसधारी के अलावा किसी को भी बीज संवर्द्धक या उसकी किस्म को बेचने, निर्यात, आयात या उत्पादन करने के लिए प्रतिबंधित करता है।
किसान का दावा
किसानों ने पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम की धारा 39 का हवाला दिया, जो किसान के अधिकार को संरक्षण करती है। अधिनियम के तहत, किसान कृषि उपज को बचा सकते हैं, उपयोग कर सकते हैं, बुआई कर सकते हैं, आदान-प्रदान कर सकते हैं, साझा कर सकते हैं या बेच सकते हैं; लेकिन वे संरक्षित किस्म के ब्रांडेड बीजों को बेचने के हकदार नहीं होंगे।
पेप्सिको के दावे की आलोचना
एक बीज पर पेटेंट के अधिकार एक देश से दूसरे देश में भिन्न होते हैं। अमेरिका में यदि किसी ने एक बीज का पेटेंट कराया है, तो कोई भी अन्य किसान उसे विकसित नहीं कर सकता है।
पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2001
पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम को इंटरनेशनल यूनियन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ न्यू वेरिएंट्स ऑफ प्लांट्स (UPOV), 1978 के अनुरूप बनाया गया था।
बौद्धिक संपदा अधिकार का अंतरराष्ट्रीय संरचना
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अधिनियम के तहत प्रदान किये गये विभिन्न अधिकार
किसानों के अधिकार
एक किसान, जो एक नई किस्म विकसित करता है, वह उस किस्म के संवर्द्धक रूप में संरक्षण का हकदार होगा।
संवर्द्धक के अधिकार
शोधकर्ता के अधिकार
अधिनियम के तहत शोधकर्ता पंजीकृत किस्म के किसी भी बीज का प्रयोग अनुसंधान के लिए कर सकते हैं।
भारत को भविष्य के खतरों को रोकने के उपाय करना चाहिए
सुझाव
यह सरकार और नीति निर्माताओं के लिए एक ‘वेक-अप कॉल’होना चाहिए, जिन्हें धारणीय ग्रामीण समाज, मृदा स्वास्थ्य संरक्षण, भारतीय किसानों के आर्थिक विकास तथा पूरे देश में बीज संप्रभुता को बढ़ावा देने के लिए काफी कुछ करने की आवश्यकता है।