क्लाउड कंप्यूटिंग की ओर बढ़ने में सरकार की भागीदारी आवश्यक है। इसे ध्यान में रखते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने "क्लाउड के लिए सिल्वर लाइन आर्किटेक्चर (Silver line Architecture for Cloud)" नामक एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है। यह डेटा के स्वामित्व, भंडारण नीति और सामग्री विनियमन सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शी और अनुकूल नियामक ढांचा स्थापित करने का प्रयास करती है। इससे डेटा चोरी या सिस्टम से बाहर रिसाव के मामले में निर्धारित उपाय अपनाए जाते हैं जिससे उपयोगकर्ता को तेजी से समाधान और हल उपलब्ध होगा।
वर्तमान स्थिति
महाराष्ट्र ने एक सार्वजनिक क्लाउड नीति को लागू करके वस्तुतः सरकारी विभागों को अपने डेटा भंडारण को क्लाउड पर स्थानांतरित करने और उन्हें आम जनता के लिए उपलब्ध कराना अनिवार्य कर दिया है। यह नीति सरकार की ‘राष्ट्रीय डेटा साझाकरण और अभिगम्यता नीति, 2012’ के अनुरूप है, जो सरकार के स्वामित्व वाले साझा करने योग्य डेटा तक पहुंच की सुविधा को मानव पठनीय और मशीन पठनीय रूपों में अनिवार्य बनाती है। नीति का उद्देश्य उन मामलों में सार्वजनिक क्लाउड का उपयोग करना है, जहां सूचना का अधिकार अधिनियम लागू है और फिर निजी संवेदनशील डेटा के लिए सुरक्षा सुविधाओं में वृद्धि करना है।
पब्लिक क्लाउड
‘पब्लिक क्लाउड’एक पूरी तरह से आभासी वातावरण (Virtualized Environment) है, जो एक बहु उपयोगकर्ता ढांचा प्रदान करता है। यह उपयोगकर्ताओं को कंप्यूटिंग संसाधन या डेटा साझा करने में सक्षम बनाता है। यह मानक क्लाउड कंप्यूटिंग मॉडल पर आधारित है, जिसमें एक सेवा प्रदाता संसाधन उपलब्ध कराता है, जैसे वर्चुअल मशीन (वीएम), एप्लिकेशन या स्टोरेज, जो इंटरनेट पर आम जनता के लिए उपलब्ध होता है। सार्वजनिक क्लाउड सेवाएं निःशुल्क हो सकती हैं या प्रति उपयोग-भुगतान मॉडल पर दी जा सकती हैं।
नागरिकों के लिए सेवाओं की भारी आवश्यकता को देखते हुए, सरकार पहले विकल्प के रूप में सक्रिय रूप से क्लाउड आधारित सेवाओं की ओर देख रही है। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है ‘मेघराज-राष्ट्रीय क्लाउड कम्प्यूटिंग पहल, जो भारत सरकार की सभी क्लाउड सेवाओं के लिए बुनियादी मानकों को निर्धारित करता है। साथ ही साथ यह क्लाउड फर्स्ट पॉलिसी के माध्यम से परियोजनाओं का प्रचार भी करता है।
मेघराज के घटकः
क्लॉउड सेवाओं में प्रमुख मुद्दे
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सार्वजनिक क्लाउड नीति आरंभ करने का कारण
चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए डब्ल्यूईएफ सेंटर, महाराष्ट्र विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने महाराष्ट्र में चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए अपने नए केंद्र की घोषणा की है। इसका उद्देश्य उभरती हुई प्रौद्योगिकी नीतियों के लिए नए नीति ढांचे और प्रोटोकॉल के निर्माण के लिए सरकार और व्यापार जगत के नेताओं को एक साथ लाना है। केंद्र ने पहले तीन परियोजना क्षेत्रों के रूप में ड्रोन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ब्लॉक चेन तकनीक का चयन किया है। पहली परियोजना कृषि क्षेत्र में ड्रोन मैपिंग के संचालन पर ध्यान केंद्रित करेगी। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के संबंध में, सामाजिक आर्थिक, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और कृषि जैसे क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धि को अपनाने में तेजी लाने पर ध्यान दिया जाएगा। ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी परियोजना अक्षमता को कम करते हुए उत्पादकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट कांट्रैक्ट्स के अनुप्रयोग पर ध्यान केंद्रित करेगी। |
सार्वजनिक क्लाउड नीति में बदलाव की चुनौतियां
आगे की राह