चौथी औद्योगिक क्रांति के युग में सरकार को स्मार्ट कारों से लेकर स्मार्ट ग्रिड तक ‘स्मार्ट’उपकरणों और प्रणालियों की क्रांति को सक्षम बनाने की जरूरत है। ये सामूहिक रूप से स्मार्ट शहरों को जन्म देंगी और सबसे अधिक दबाव वाली राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को हल करेंगी। इस सपने को साकार करने के लिए एक व्यापक अखिल भारतीय मिशन को विकसित करने की आवश्यकता है, जो प्रौद्योगिकी विकास, अनुप्रयोग विकास, मानव संसाधन विकास और कौशल वृद्धि, उद्यमशीलता और साइबर भौतिक प्रणालियों (सीपीएस) में स्टार्ट-अप विकास को प्रोत्साहन उपलब्ध कराए।
इस परिदृश्य में, नेशनल मिशन ऑन इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम्स (NM-ICPS) लॉन्च किया गया है। इसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा पांच साल की अवधि के लिए लागू किया जाएगा। मिशन के सफल कार्यान्वयन से टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (TIH) एप्लीकेशन इनोवेशन हब (AIH) और टेक्नोलॉजी ट्रांसलेशन रिसर्च पार्क (TTRP) की स्थापना होगी। ये भारतीय समाज को उभरती अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने तथा आर्थिक और सामाजिक प्रगति को बढ़ाने में सहायक होंगे।
साइबर फिजिकल सिस्टम
साइबर फिजिकल सिस्टम (CPS), वे व्यवस्थाएं हैं, जो भौतिक दुनिया (उदाहरण- सेंसर या एक्चुएटर) को सूचना प्रसंस्करण की आभासी दुनिया से जोड़ती हैं। वे भौतिक वस्तुओं और बुनियादी ढांचे में संवेदन, अभिकलन, नियंत्रण और नेटवर्किंग को एकीकृत करती हैं, उन्हें इंटरनेट और एक-दूसरे से जोड़ती हैं। यह एक अंतःविषय क्षेत्र है; जो स्मार्ट ग्रिड, रोबोट सिस्टम और स्वायत्त ऑटोमोबाइल सिस्टम जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कंप्यूटर आधारित प्रणालियों के उपयोग से संबंधित है।
मिशन का उद्देश्य
राडा रोबोट (RADA Robot) हवाई अड्डों पर ग्राहकों की सहायता के लिए बनाया गया भारत का पहला रोबोट हाल ही में प्रदर्शित किया गया है। इसे विस्तारा एयरलाइंस द्वारा बनाया गया था। रोबोट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का उपयोग करता है और ग्राहकों के सवालों के जवाब देने के साथ-साथ उनका मनोरंजन भी कर सकता है। रोबोट वर्तमान में बोर्डिंग पास को स्कैन करता है, प्रस्थान के द्वारों और वास्तविक उड़ान समय की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जिससे एक सहज यात्र अनुभव होता है। |
साइबर फिजिकल सिस्टम के विकास के लाभ