ड्रोन एक प्रौद्योगिकीय प्लेटफॉर्म है, जिसका फोटोग्राफी से लेकर कृषि और बुनियादी ढांचे के रख-रखाव से लेकर बीमा तक व्यापक उपयोग है। ड्रोन तकनीक अभी भारत में अपने आरंभिक चरण में है। विश्व स्तर पर समर्थ ड्रोन वातावरण को सक्षम बनाने के लिए इस क्षेत्र में वैश्विक प्रौद्योगिकियों और एफडीआई के रूप में निवेशों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसे ध्यान में रखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारत की ड्रोन नीति 1.0 जारी की, जो सरकार के साथ-साथ जनता की संबंधित चिंताओं को समायोजित करती और सुलझाती है।
ड्रोन के अनुप्रयोग
वर्तमान परिदृश्य
डिजिटल स्काई प्लेटफार्म
भारत अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) परिषद के लिए निर्वाचित दुबई (संयुक्त अरब अमीरात) में आयोजित ITU सम्मेलन 2018 के दौरान भारत को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) परिषद के सदस्य के रूप में एक और 4 वर्ष के कार्यकाल (2019-2022) के लिए फिर से चुना गया है। इस सम्मेलन में नई दिल्ली में एक ‘आईटीयू-दक्षिण एशिया क्षेत्र कार्यालय और प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र’ स्थापित करने का निर्णय भी लिया गया। आईटीयू काउंसिल एक वैश्विक प्राधिकरण है, जो रेडियो-फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम और सैटेलाइट ऑर्बिट संसाधनों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है। यह वैश्विक स्तर पर दूरसंचार और आईसीटी क्षेत्र में चुनौतियों से संबंधित मुद्दों को उठाता है। इस परिदृश्य में आईटीयू परिषद में भारत की सीट प्रासंगिक है, क्योंकि वह चौथी औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ना चाहता है। |
ड्रोन संचालन के लिए दिशा-निर्देश
आगे की राह