वर्तमान में जैविक खेती देश के 12 राज्यों में की जा रही है जिसमें उत्तरी-पूर्वी भाग के राज्य सिक्किम तथा मिजोरम आने वाले कुछ सालों में पूरी तरह से जैविक खेती करने वाले राज्य बन जाएंगे। सिक्किम सरकार वर्ष 2003 से ही राज्य को जैविक प्रदेश बनाने का प्रयास कर रही है। सिक्किम जैविक मिशन 2015 का उद्देश्य राज्य की 50,000 एकड़ भूमि को जैविक भूमि के रूप में बदलना है। वर्ष 2010-11 तथा 2011-12 में यह लक्ष्य 18,000 हेक्टेयर का था जबकि वर्ष 2012-13 में 14,000 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया था।
यह निर्णय इस आधार पर लिया गया कि सिक्किम राज्य की खेती की भूमि परंपरागत रूप से जैविक है। इससे राज्य के न केवल 62,000 परिवारों को जो, औसत 1-9 हेक्टेयर भूमि के स्वामी हैं, लाभ होगा बल्कि राज्य के पर्यावरण की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा। मिजोरम राज्य के कृषि विभाग ने जैविक खेती की शुरूआत वर्ष 1996 में की थी तथा पहला परीक्षण लुंगमौट गांव में किया गया। राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने लिए मिजोरम विधान सभा ने मिजोरम जैविक खेती विधेयक, 2004 पारित किया था। रासायनिकों तथा कीटनाशकों के नकारात्मक प्रभाव समाप्त करने के लिए मेघालय कृषि विभाग ने इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट तथा इंटीग्रटेड न्यूट्रिएंट मैनेजमेंट के माध्यम से वैकल्पिक तरीका अपनाया है। इन तरीकों के अपनाने से उत्पन्न खाद्य पोषक तत्वों से भरपूर व सुरक्षित होते हैं तथा राष्ट्रीय जैविक उत्पादन मानक के अनुरूप होते हैं।