किसानों के खेतों से मिट्टी के नमूने लेकर भूमि स्वास्थ्य की जाँच करवाई जाती है। इन नमूनों से मिट्टी के लिए लाभदायक सूक्ष्म जीवाणुओं को अलग करके द्विगुणन के लिए जैविक कल्चर तैयार किया जाता है। यह जैविक कल्चर किसानों को मुफ्रत वितरित किया जाता है। किसान इस कल्चर को गोबर के सड़े खाद के साथ मिलाकर खेत में इस्तेमाल करते हैं जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होती है परिणामस्वरूप फसल उत्पादन भी बढ़ता है।