7-18 दिसम्बर 2009 को डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन में जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (UNFCCC) आयोजित किया गया। इसे COP-15 के नाम से भी जाना जाता है। सम्मेलन में क्योटो प्रोटोकॉल के विपरीत विकासशील देशों पर भी कार्बन उत्सर्जन संबंधी बाध्यता निर्धारित किए जाने का प्रयास विकसित राष्ट्रों द्वारा किया गया। इसका विरोध विकासशील देशों ने किया। भारत, द- अफ़ीका, ब्राजील एवं चीन क्योटो प्रोटोकॉल की संधि पर ही कायम रहे। अंततः इन देशों ने BASIC नामक एक साझा मंच की स्थापना की जिसे G-4 के नाम से भी जाना जाता है।