कानकून सम्मेलन को COP-16 के नाम से भी जाना जाता है। ये सम्मेलन दिसम्बर 2010 में मैक्सिको के शहर कानकून में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य 2012 में समाप्त होने वाले क्योटो प्रोटोकॉल के स्थान पर लागू होने वाले नए समझौते के प्रति पर अंतिम सहमति तैयार करना था। इस सम्मेलन में कार्बन उत्सर्जन पर कोई सही निर्णय नहीं लिया गया। 40 विकसित देशों को ग्रीन हाउस उत्सर्जन में 1990 के स्तर में 5 प्रतिशत की कटौती रखी गई परन्तु अंतिम में यह सहमति नहीं बनी।
कानकून सम्मेलन में एक खास बात हुई थी वह थी हरित जलवायु कोष का गठन करना। सहमति के अनुसार विकासशील देशों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए शीघ्र ही 30 अरब डॉलर की धनराशि से हरित जलवायु कोष की शुरुआत हुई। 2020 तक इस कोष में 100 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त इस सम्मेलन में अन्य उपलब्धियां भी उल्लेखनीय हैं।