भारत सरकार द्वारा पारिस्थितिक तंत्र की जैव-विविधता को कायम रखने के लिए जैवमंडल का प्रारूप तैयार किया गया है। जैवमंडल की स्थापना के मुख्य उद्देश्य निम्न हैं:
संपूर्ण देश में अब तक 15 जैवमंडलीय आरक्षित क्षेत्र स्थापित किए जा चुके हैं। 15 आरक्षित क्षेत्रें में से 7 यूनेस्को जैवमंडलीय आरक्षित क्षेत्र के विश्व नेटवर्क पर मान्यता प्रदान की गयी है। ये चार क्षेत्र हैं-नीलगिरी, पंचमढ़ी, नोकरेक, सिमलीपाल, सुंदरवन, मन्नार की खाड़ी और उत्तराखंड का जैवमंडलीय आरक्षित क्षेत्र नंदादेवी।
भारत में जैवमंडल की स्थापना के क्षेत्र में निम्न बिन्दुओं पर विशेष बल दिया गया थाः
जैव मण्डल आगार (Biosphare Reserve): भारत ने भी UNESCO के दायरे में तटीय एवं स्थानीय पारिस्थितिक तंत्र का जैवमण्डल आगार बनाया है, जिसके 3 प्रमुख उद्देश्य हैं।
वन्यजीव अभ्यारण्यः भारत में कुल 500 वन्य जीव अभ्यारण्य हैं, जहां पर जन्तुओं एवं आवासों की सम्यक रूप से रक्षा की जाती है तथा मनुष्य द्वारा इन अभ्यारण्यों के किसी भी भाग का उपयोग पूर्णतया वर्जित है।
बाघ आगार (Tiger Reserve): भारत सरकार ने निम्न उद्देश्यों के लिए ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ नामक एक राष्ट्रीय योजना को सन् 1973 से प्रारंभ किया है-
प्रोजेक्ट हिम लियोपार्ड (तेंदुआ): हाल ही में भारत में प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट हाथी, प्रोजेक्ट गैण्डा के समान ही प्रोजेक्ट स्नो लियोपार्ड की योजना प्रारंभ की गई व इसका प्रमुख लक्ष्य है-