प्रश्न : कौन से वैकल्पिक विषय अधिक लोकप्रिय और सफलता में सहायक है?
उत्तर :
•वर्ष 2013 की सिविल सेवा परीक्षा के पश्चात पूर्णांक के दृष्टिकोण से सामान्य अध्ययन की तुलना में वैकल्पिक विषयों की महत्ता कम हो गयी है। सामान्य अध्ययन के चारों पत्रों का पूर्णांक 1000 है, तो वैकल्पिक विषय का पूर्णांक 500 अर्थात सामान्य अध्ययन का 50 प्रतिशत है। परंतु इसका यह मतलब यह नहीं है कि सफलता में वैकल्पिक विषय की महत्ता कम हो गयी है। जहां 1-1 अंक पर सफलता-असफलता का निर्धारण होता हो, वहां एक-एक अंक काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। ऐसे में वैकल्पिक विषय के लिए भी सही रणनीति व तैयारी आवश्यक है। यह तभी संभव है जब आप जान सकें कि आपके लिए कौन सा वैकल्पिक विषय उचित व अनुकूल है।
•इसके लिए विगत वर्षों में विभिन्न वैकल्पिक विषयो में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या व उनकी सफलता दर का विश्लेषण आवश्यक है। हिंदी माध्यम के छात्रों के बीच सर्वाधिक लोकप्रिय विषय इतिहास, भूगोल, लोकप्रशासन, दर्शनशास्त्र हैं। हिंदी भाषा एवं साहित्य लेने वाले छात्रों की भी कमी नहीं है। अब सिविल सेवा परीक्षा में विभिन्न विषयों की सफलता दर देख लें, जिससे विषय की महत्ता व लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
•विभिन्न विषयों का विश्लेषण करने से स्पष्ट होता है कि भले ही सफलता दर अरबी, बंगाली भाषा एवं साहित्य में अधिक दिख रही हो परंतु लोकप्रियता व सफल होने वाले छात्रों की संख्या के मामले में भूगोल, लोक प्रशासन, इतिहास, समाजशास्त्र जैसे विषय ही आगे हैं। वर्ष 2014 की सिविल सेवा परीक्षा में कुल सफल छात्रों में सर्वाधिक 255 लोक प्रशासन थे। इसके पश्चात 193 समाजशास्त्र से व 102 इतिहास विषय के थे। ये आंकड़ें स्पष्ट करते हैं कि भूगोल, लोकप्रशासन, समाजशास्त्र व इतिहास आज काफी लोकप्रिय व सफल विषय हैं।