आर्टेमिस 1 मिशन प्रमोचन
- 19 Nov 2022
16 नवंबर, 2022 को फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39 बी से नासा के आर्टेमिस 1 (Artemis 1) मिशन को प्रमोचित किया गया। इस मिशन को 14 नवंबर 2022 को लॉन्च किया जाने वाला था, लेकिन उष्णकटिबंधीय तूफान निकोल (Nicole) के कारण स्थगित करना पड़ा था।
मुख्य बिंदु
- आर्टेमिस 1 के लिए ‘ओरियन अंतरिक्ष यान’ (Orion Spacecraft) तथा ‘स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट’ [(Space Launch System (SLS) rocket)] का उपयोग किया गया है।
- इस मिशन के लिए यान में आरएस-25 इंजन का प्रयोग किया गया है उष्णकटिबंधीय तूफान निकोल (Nicole) के कारण इसे क्षति का सामना करना पड़ा था।
- मानवरहित आर्टेमिस 1 मिशन के माध्यम से मानवयुक्त अंतरिक्ष यान भेजने की क्षमता का परीक्षण भी किया जाएगा।
- आर्टेमिस मिशन के अंतर्गत नासा का अगला मिशन आर्टेमिस 2 होगा। चंद्रमा की परिक्रमा करने वाले इस मानवयुक्त मिशन को 2024 में प्रक्षेपित किया जाना है।
- वर्ष 2025 में आर्टेमिस 3 मिशन भेजने की योजना है जिसमें एक लैंडर भी होगा। इसके बाद अन्य क्रू मिशनों को भी चन्द्रमा पर भेजने की योजना है।
चन्द्र अन्वेषण में आर्टेमिस मिशन का महत्व
- आर्टेमिस का अर्थ है ‘सूर्य के साथ चंद्रमा की पारस्परिक क्रिया का त्वरण, पुनर्संयोजन, विक्षोभ एवं उसकी विद्युतगतिकी’ (Acceleration, Reconnection, Turbulence and Electrodynamics of the Moon's Interaction with the Sun)।
- इस मिशन के तहत अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में लैंड कराने की योजना है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक वर्तमान में कोई भी इंसान नहीं पहुंचा है।
- आर्टेमिस के परिणामस्वरूप नासा वर्ष 2028 तक चंद्रमा पर एक स्थायी मानव उपस्थिति स्थापित करने, नई वैज्ञानिक खोजों का अनावरण करने, नई तकनीकी प्रगति का प्रदर्शन करने और निजी कंपनियों के लिए एक चंद्र अर्थव्यवस्था (lunar economy) के निर्माण की नींव रखने में सक्षम होगा।
- नासा अपने शक्तिशाली स्पेस लांच सिस्टम और अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने में सक्षम अंतरिक्ष यान को अत्याधुनिक स्पेस सेंटर से प्रक्षेपित करेगा।
- आर्टेमिस कार्यक्रम के तहत, नासा द्वारा वर्ष 2024 तक चंद्रमा की सतह पर पहली बार किसी महिला को उतारा जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि अपोलो कार्यक्रम के द्वारा मानव ने 1960 और 70 के दशक में पहली बार चंद्रमा की सतह पर कदम रखा था।
- अभी तक केवल 12 मनुष्य (सभी पुरुष) ही चंद्रमा की सतह पर उतरे हैं तथा वे सभी अमेरिकी थे। अभी तक कोई भी महिला चंद्रमा की सतह पर नहीं पहुंची है।