भारत में कर्ज में डूबे कृषक परिवार
- 27 Sep 2021
10 सितंबर, 2021 को जारी किये गए राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के 77वें दौर के सर्वेक्षण के अनुसार 2019 में देश में कृषि कार्य में संलग्न 50.2% परिवार कर्ज में थे और प्रत्येक कृषक परिवार पर बकाया ऋण की औसत राशि 74,121 रुपये थी।
महत्वपूर्ण तथ्य: बकाया ऋणों में से केवल 69.6% बैंकों, सहकारी समितियों और सरकारी एजेंसियों जैसे संस्थागत स्रोतों से लिए गए थे, जबकि 20.5% ऋण पेशेवर साहूकारों से थे।
- कुल ऋण में से केवल 57.5% कृषि उद्देश्यों के लिए लिया गया था।
- एनएसओ ने जनवरी-दिसंबर 2019 के दौरान देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 'परिवारों की भू-जोत और पशुधन जोत और कृषि परिवारों की स्थिति का आकलन' पर सर्वेक्षण किया था।
- 2019 में किसानों की आय में 59 की वृद्धि देखी गई है। रिपोर्ट के अनुसार कृषि परिवारों की औसत आय 2013 में 6,426 रुपये से बढ़कर 2019 में 10,218 रुपये हो गई।
- 10,218 रुपये औसत आय में से मजदूरी से 4,063 रुपये, फसल उत्पादन से 3,798 रुपये, पशुपालन से 1,582 रुपये, गैर-कृषि व्यवसाय से 641 रुपये और भूमि पट्टे से 134 रुपये की आय थी।
- इससे पहले एनएसएस (National sample Survey: NSS) के 26वें दौर (1971-72), 37वें दौर (1981-82), 48वें दौर (1992), 59वें दौर (2003) और 70वें दौर (2013) में सर्वेक्षण किया गया था।
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