वैकल्पिक इतिहास
यह पुस्तक संघ लोक सेवा आयोग एवं सभी राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं के वैकल्पिक विषय व सामान्य अध्ययन के साथ-साथ UGC NET/JRF, राज्य स्तरीय प्रवक्ता परीक्षा एवं विश्वविद्यालय स्तर की परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगी।
पुस्तक की रूपरेखा तैयार करते समय हमारा उद्देश्य बहुआयामी रहा है। हमने प्रयास किया है कि हम प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले अभ्यर्थियों के सम्मुख ऐसी समेकित पुस्तक प्रस्तुत करें, जो भारतीय इतिहास के सभी पक्षों पर समग्र रूप से प्रकाश डालती हो। साथ ही यह उन प्रतियोगियों के लिए भी लाभकारी साबित हो जो न तो इतिहास के विद्यार्थी रहे हैं और न ही इतिहास का उन्होंने पहले कभी अध्ययन किया है।
वर्तमान में प्रतियोगी परीक्षाओं के बदलते पैटर्न को ध्यान में रखते हुए छात्र अन्य विषयों की तुलना में वैकल्पिक विषय के रूप में इतिहास का चयन अधिक करते हैं, इसका मुख्य कारण प्रतियोगी परीक्षाओं की ‘प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा में इतिहास विषय से संबंधित प्रश्नों का निरंतर समान रूप से पूछा जाना’ तथा इस ‘विषय का तथ्यात्मक और संकल्पनात्मक दोनों दृष्टिकोण से सहज होना’ है।
उपर्युक्त दोनों पक्षों में सामंजस्य बनाए रखते हुए ही इस पुस्तक का लेखन किया गया है, साथ ही इस बात का भी प्रयास किया गया है कि इसमें प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों का हल भी समाहित किया जा सके। प्रस्तुत पुस्तक की विषय वस्तु इस दृष्टिकोण से तैयार की गई है कि इस पुस्तक का अध्ययन करके भविष्य में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर सहजता से दिये जा सकें।
इस पुस्तक के ‘मानचित्रावली’ अध्याय में इतिहास वैकल्पिक विषय के प्रथम प्रश्न-पत्र के अंतर्गत वर्ष 1995 से 2021 तक पूछे गए मानचित्र आधारित प्रश्नों का खंडवार संकलन किया गया है तथा छात्रों के अभ्यास के लिए अलग से कुछ अन्य परीक्षोपयोगी मानचित्रों को भी संलग्न किया गया है। पुस्तक में भारतीय इतिहास की पाषाणकालीन सभ्यता से लेकर 1964 तक की ऐतिहासिक घटनाओं को समाहित किया गया है।
इस पुस्तक के प्रथम संस्करण का प्रकाशन वर्ष 2000 में 6 भागों में संपूर्ण इतिहास के नाम से किया गया था, जिसे अब पूर्णतः संशोधित व परिमार्जित कर प्रकाशित किया जा रहा है।
पुस्तक को त्रुटिहीन रूप में प्रस्तुत करने का यथासम्भव प्रयास किया गया है, परन्तु इतिहास से संबंधित सभी तथ्यों को पूर्णतः सत्यापित नहीं किया जा सकता, क्योंकि काल एवं परिस्थिति के अनुसार लेखक के अपने-अपने विचार होते हैं, अतः पुस्तक में सर्वमान्य तथ्यों एवं विचारों को ही समाहित किया गया है, फिर भी यदि इस पुस्तक में किसी प्रकार की त्रुटि होती है तो हम उसके लिए क्षमाप्रार्थी हैं। साथ ही आपसे आग्रह है कि त्रुटियों के संबध में हमें अवगत कराएं, ताकि हम आगामी अंक में उनमें सुधार कर सकें।
आशा है कि भारतीय इतिहास की यह पुस्तक अपने नवीनतम स्वरूप में आपके लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगी।
Specifications |
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Availability | In-Stock |
Language | Hindi |
Product Type | Print Edition |
Edition | 2023 |
Book Code | 406 |
Shipment | 90 |
No. of Pages | 808 |