कार्बी आंगलोंग समझौता
- 21 Sep 2021
कार्बी आंगलोंग क्षेत्र में वर्षों से चल रही हिंसा को समाप्त करने के लिए 4 सितंबर, 2021 को केंद्र, असम सरकार और असम के पांच विद्रोही समूहों के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
महत्वपूर्ण तथ्य: शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले विद्रोही समूहों में ‘कार्बी लोंगरी नॉर्थ कछार हिल्स लिबरेशन फ्रंट’, ‘पीपुल्स डेमोक्रेटिक काउंसिल ऑफ कार्बी लोंगरी’, ‘यूनाइटेड पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ और ‘कार्बी पीपुल्स लिबरेशन टाइगर्स’ शामिल हैं।
समझौते की मुख्य विशेषताएं: शांति समझौते के तहत, 1,000 से अधिक सशस्त्र कैडर हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो गए। उनके पुनर्वास का भी प्रावधान किया गया है।
- कार्बी क्षेत्रों में ‘विशेष विकास परियोजनाओं’ को शुरू करने के लिए केंद्र सरकार और असम सरकार द्वारा पांच वर्षों में 1,000 करोड़ रुपये का एक ‘विशेष विकास पैकेज’ दिया जाएगा।
- असम सरकार 'कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद' (KAAC) क्षेत्र से बाहर रहने वाले कार्बी लोगों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक 'कार्बी कल्याण परिषद' की स्थापना करेगी।
- 'कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद' के संसाधनों की पूर्ति के लिए ‘राज्य की संचित निधि’ को बढ़ाया जाएगा।
- समग्र रूप से, वर्तमान समझौते में 'कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद' को अधिक विधायी, कार्यकारी, प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां देने का प्रस्ताव है।
कार्बी आंगलोंग: मध्य असम में स्थित, कार्बी आंगलोंग राज्य का सबसे बड़ा जिला है, यहाँ कार्बी, दिमासा, बोडो, कुकी, हमार, तिवा, गारो, रेंगमा नागा आदि जातीय और आदिवासी समूह हैं। कार्बी संगठनों की मुख्य मांग, एक पृथक राज्य के गठन किए जाने की थी।
- ‘कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद’ का गठन भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के तहत किया गया है।
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