श्रमिकों की औसत मासिक आय में 17% की गिरावट
- 06 May 2021
5 मई, 2021 को अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के 'सेंटर फॉर सस्टेनेबल एम्प्लॉयमेंट, बेंगलुरू द्वारा प्रतिवर्ष प्रकाशित होने वाली रिपोर्ट 'स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया 2021: वन इयर ऑफ कोविड-19' (State of Working India 2021: One Year of Covid-19) शीर्षक से जारी की गई।
महत्वपूर्ण तथ्य: रिपोर्ट मार्च 2020 से दिसंबर 2020 तक की अवधि में, रोजगार, आय, असमानता और गरीबी पर कोविड-19 के एक वर्ष के प्रभाव पर आधारित है।
- रोजगार के बारे में, रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल-मई 2020 के बंद के दौरान देश भर में 100 मिलियन (10 करोड़) लोगों की नौकरियां चली गई थी। हालांकि इनमें से अधिकांश श्रमिकों को जून 2020 तक रोजगार मिल गया था, लगभग 15 मिलियन काम से बाहर रहे।
- चार सदस्यों के एक औसत परिवार के लिए मासिक प्रति व्यक्ति आय जनवरी 2020 में 5,989 रुपये से अक्टूबर 2020 में लगभग 17% की गिरावट के साथ 4,979 रुपये थी।
- लॉकडाउन के बाद, लगभग आधे वेतनभोगी कर्मचारी अनौपचारिक कार्यक्षेत्र में चले गए, या तो स्वरोजगार (30%), अनियमित वेतन (10%) या अनौपचारिक वेतनभोगी (9%) के रूप में।
- 230 मिलियन (23 करोड़) लोगों के महामारी के दौरान प्रति दिन 375 के राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन सीमा से नीचे चले जाने के साथ, गरीबी दर ग्रामीण क्षेत्रों में 15% और शहरी क्षेत्रों में लगभग 20% बढ़ी है।
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