सह-उत्पत्ति योजना का विस्तार
- 24 Oct 2020
भारतीय रिजर्व बैंक ने अक्टूबर 2020 में आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) सहित सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को अब अधिक वित्तीय समावेशन और ऋण प्रदाता संस्थाओं को अधिक परिचालन लचीलापन प्रदान करने के प्रयासों के तहत ‘सह-उत्पत्ति योजना’ (Co-origination scheme) में शामिल किया है।
- इसके चलते अब आवास वित्त कंपनियों समेत सभी एनबीएफसी प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को ऋण देने के लिए बैंकों के साथ साझेदारी कर सकेंगे।
- भारतीय रिजर्व बैंक ने 2018 में, कुछ शर्तों के तहत, प्राथमिकता वाले क्षेत्र को ऋण देने के लिए बैंकों और कुछ विशेष तरह के एनबीएफसी द्वारा ऋण की सह-उत्पत्ति योजना की रूपरेखा पेश की थी।
- इसके तहत दोनों ऋण प्रदाताओं एनबीएफसी और बैंक द्वारा सुविधा स्तर पर ऋण का संयुक्त योगदान और संबंधित व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए जोखिम और प्रतिफल की साझेदारी की व्यवस्था है।
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