गेहूं की किस्म 'एमएसीएस 6478'
- 08 Oct 2020
अक्टूबर 2020 में भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के एक स्वायत्त संस्थान, अघारकर अनुसंधान संस्थान (ARI) के वैज्ञानिकों द्वारा 'एमएसीएस 6478' (MACS 6478) नामक गेहूं की किस्म विकसित की गई है।
महत्वपूर्ण तथ्य: इस किस्म ने महाराष्ट्र के एक गाँव करंखोप में किसानों की फसल पैदावार को दोगुना कर दिया है।
- नव विकसित सामान्य गेहूं या ब्रेड व्हीट, जिसे उच्च उपज देने वाला एस्टिवम (Aestivum) भी कहा जाता है, 110 दिनों में परिपक्व हो जाता है और पत्ती और तने के रतुआ रोग का प्रतिरोधी है।
- अंबर (गहरा भूरा पीला) रंग के मध्यम आकार के इस किस्म में 14% प्रोटीन, 44.1 पीपीएम (parts per million) जिंक और 42.8 पीपीएम आयरन होता है, जो अन्य किस्मों से अधिक है।
- बीज गुणन के लिए महाराष्ट्र राज्य बीज एजेंसी, 'महाबीज' किसानों के उपयोग के लिए 'एमएसीएस 6478' का प्रमाणित बीज उत्पादन कर रही है।
- इस किस्म पर एक शोध पत्र 'इंटरनेशनल जर्नल ऑफ करंट माइक्रोबायोलॉजी एंड एप्लाइड साइंसेज’ में प्रकाशित हुआ है।
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