​​नौसेना द्वारा नीलगिरि, सूरत और वाग्शीर को नौसेना में शामिल करने की तैयारी

  • 02 Jan 2025

15 जनवरी 2025 कोभारतीय नौसेना तीन अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू जहाजों को नौसेना डॉकयार्ड, मुंबई में एक साथ नौसेना में शामिल करने की तैयारी कर रही है। इन लड़ाकू जहाजों में - नीलगिरि, सूरत और वाग्शीर, शामिल हैं। यह नौसेना की लड़ाकू क्षमताओं की शक्ति को दर्शाता है साथ हीं स्वदेशी शिपबिल्डिंग में भारत की स्थिति को और मजबूत करेगी ।

मुख्य तथ्य

  1. इंडक्टेड प्लेटफार्म: भारतीय नौसेना तीन प्लेटफार्मों का कमीशन करेगी: वागशीर (स्कॉर्पीन-क्लास पनडुब्बी), सूरत (प्रोजेक्ट-15बी विध्वंसक), और नीलगिरी (प्रोजेक्ट-17ए फ्रिगेट)।
  2. निर्माण स्थान: ये तीनों जहाज मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) में निर्मित किए गए हैं, जो भारत की रक्षा निर्माण क्षमताओं को दर्शाता है।
  3. डिज़ाइन नवाचार: नीलगिरी में उन्नत स्टेल्थ तकनीक और पिछले वर्गों की तुलना में कम रडार सिग्नेचर है, जबकि सूरत को कोलकाता-क्लास विध्वंसकों के विकास के रूप में देखा जा रहा है जिसमें बेहतर डिज़ाइन और क्षमताएं शामिल हैं।
  4. संचालनात्मक तत्परता: जहाजों ने मशीनरी, हुल, अग्निशामक प्रणाली और नेविगेशन सिस्टम के परीक्षण सहित व्यापक परीक्षण किए हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि वे पूरी तरह से संचालन के लिए तैयार हैं।
  5. एविएशन क्षमताएं: नीलगिरी और सूरत दोनों आधुनिक एविएशन सुविधाओं से लैस हैं जो विभिन्न हेलीकॉप्टरों जैसे चेटक, ध्रुव, सी किंग और MH-60R को संचालित करने में सक्षम हैं, जो विभिन्न परिस्थितियों में संचालन का समर्थन करती हैं और महिलाओं अधिकारियों तथा नाविकों के लिए विशेष आवास प्रदान करती हैं।