भारत-रूस संयुक्त प्रौद्योगिकी आकलन और त्वरित व्यावसायीकरण कार्यक्रम
- 27 Jul 2020
24 जुलाई, 2020 को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) और ‘रूस के लघु नवीन उद्योगों की सहायता के लिए फाउंडेशन’ (एफएएसआईई) की साझेदारी के साथ ‘भारत-रूस संयुक्त प्रौद्योगिकी आकलन और त्वरित व्यावसायीकरण कार्यक्रम’ शुरू किया।
उद्देश्य: विज्ञान और प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित भारतीय और रूसी एसएमई और स्टार्ट-अप को प्रौद्योगिकी विकास और एक-दूसरे देश की प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए संयुक्त अनुसंधान एवं विकास हेतु आपस में जोड़ना।
महत्वपूर्ण तथ्य: इस कार्यक्रम के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने 15 करोड़ रुपए के फंड की शुरुआत की है।
- कार्यक्रम दो वार्षिक चक्रों के माध्यम से चलाया जाएगा, जिसमें प्रत्येक चक्र के तहत पांच परियोजनाओं को वित्त पोषित किया जाएगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से देश में इस कार्यक्रम का कार्यान्वयन फिक्की करेगा।
- इसमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्रित परियोजनाएं चलाई जाएंगी, जिनमें आईटी एवं सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, चिकित्सा एवं फार्मास्युटिकल्स, अक्षय ऊर्जा, एयरोस्पेस, वैकल्पिक प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, जैव प्रौद्योगिकी, नवीन सामग्री, रोबोटिक्स और ड्रोन शामिल हैं, लेकिन ये इन्हीं तक सीमित नहीं हैं।
- दो साल की अवधि में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग दस भारतीय एसएमई/स्टार्ट-अप को 15 करोड़ रुपये तक का फंड प्रदान करेगा और ‘रूस के लघु नवीन उद्योगों की सहायता के लिए फाउंडेशन’ (एफएएसआईई) भी रूसी परियोजनाओं को इतना ही फंड मुहैया कराएगा।
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