Question : भारत के उच्चतम न्यायालय के सलाह- अधिकार क्षेत्र की परिधि को समझाइये।
(1992)
Answer : भारत का सर्वोच्च न्यायालय, परिसंघीय न्यायालय, अपीलीय न्यायालय व संविधान का संरक्षक न्यायालय है। संविधान ने उसे परामर्शी क्षेत्रधिकार की शक्ति भी प्रदान की है। संविधान के अनुच्छेद 143 के तहत यदि राष्ट्रपति को ऐसा प्रतीत होता है कि विधि का कोई प्रश्न ऐसी प्रकृति का है, जो सार्वजनिक महत्व से जुड़ा हुआ है तथा उस पर सर्वोच्च न्यायालय की सलाह प्राप्त करना समीचीन है, तो वह उक्त प्रश्न पर सर्वोच्च न्यायालय से सलाह मांग ....
Question : राष्ट्रपति शासन की घोषणा से संबंधित उच्चतम न्यायालय के अप्रैल 1994 के फैसले का महत्व समझाइये।
(1994)
Answer : सर्वोच्च न्यायालय के 9 न्यायाधीशों की एक पीठ ने बाबरी मस्जिद गिरने के बाद उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तथा हिमाचल प्रदेश की विधानसभाओं को अनुच्छेद 356 के तहत भंग करके राष्ट्रपति शासन लागू करने के निर्णय को वैध माना। 1994 में इन न्यायाधीशों की पीठ ने राष्ट्रपति शासन से संबंधित अनुच्छेद 356(1) की व्याख्या करते हुए उपरोक्त राज्यों में विधानसभा भंग करने की कार्यवाही को जहां वैध ठहराया, वहीं 1988 में नागालैंड, 1989 में ....
Question : भारत-फ्रांस मैत्री को बढ़ावा देने के भारत के राजनयिक प्रयासों पर हाल की फ्रांसीसी अनुक्रिया का विश्लेषण कीजिए।
(1999)
Answer : मई 1998 में भारत द्वारा परमाणु परीक्षण किये जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय दबावों के चलते फ्रांस ने भी भारत के साथ अपने संबंधों को उदासीन बना लिया। किंतु, यह स्थिति अधिक दिनों तक बनी हुई नहीं रह सकी और शीघ्र ही उसने भारतीय राजनयिक प्रयासों के अनुरूप अपनी अनुक्रियाशीलता दिखलानी शुरू कर दी। इसी के तहत इंडो-फ्रेंच फोरम ने महत्वपूर्ण एवं अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों पर अनुसंधान करने के लिए मार्च’99 में संयुक्त प्रयोगशालाओं की स्थापना करने ....
Question : सर्वोच्च न्यायालय ने किन मूल कारणों से (1) केशवानंद भारती बनाम केरल प्रदेश (1973) एवं (2) मिनर्वा मिल्स बनाम भारत सरकार (1980) के मुकदमों के दौरान ‘मूल ढांचों’ की पुष्टि की?
(1997)
Answer : 1950-72 की अवधि के दौरान तीन अलग-अलग मामलों में उच्चतम न्यायालय के सामने यह प्रश्न आया कि मूल अधिकारों का संशोधन किया जा सकता है या नहीं। अंततः यह निर्णय दिया गया कि अनुच्छेद 368 के अधीन पारित संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा भी संसद न तो मूल अधिकारों को छीन सकती है और न ही उन्हें कम कर सकती है।
1973 में केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य में उच्चतम न्यायालय ने निर्णय दिया कि अनुच्छेद 368 ....
Question : भारत के संविधान के अधीन उच्चतम न्यायालय को क्या स्थान है? संविधान के संरक्षक के रूप में उसकी भूमिका का विवेचन कीजिए
(1995)
Answer : भारतीय संविधान द्वारा स्थापित न्यायिक प्रणाली में सर्वोच्च स्थान पर उच्चतम न्यायालय की स्थापना की गई है। फौजदारी एवं दीवानी मामलों में यह देश का सर्वोच्च अपीलीय न्यायालय है, जिसका क्षेत्रधिकार अत्यधिक व्यापक है। इसमें प्रारंभिक, अपीलीय और परामर्शीय सभी प्रकार के मामले आते हैं। उच्चतम न्यायालय, जो एक अभिलेख न्यायालय भी है, के ऊपर लोकतंत्र और संविधान दोनों की ही रक्षा का दायित्व है। संविधान द्वारा उच्चतम न्यायालय को व्यक्ति के संवैधानिक अधिकारों तथा ....
Question : भारत के नागरिकों के संवैधानिक अधिकार क्या हैं? अनिवासी भारतीयों द्वारा दोहरी नागरिकता की मांग के विषय में आपके क्या विचार हैं?
(1995)
Answer : भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त ऐसे अधिकार जिनका उपयोग भारत के नागरिक करते हैं, संवैधानिक अधिकार कहे जाते हैं। वैसे संविधान में इस बात की भी व्यवस्था है कि भारत के नागरिकों को विशिष्ट प्रावधानों के अंतर्गत ही इन अधिकारों से वंचित किया जा सकता है। यदि केंद्र या राज्य सरकार कोई ऐसा कानून या प्रशासनिक नीति बनाती और लागू करती है, जो संविधान के किसी भी अनुच्छेद का अतिक्रमण करती है, तो उच्चतम न्यायालय को ....