अर्थव्यवस्था की बढ़ती निवेश आवश्यकताएं तथा वित्तीय बाजारों का विकास
पिछले दशक में भारतीय वित्तीय बाजारों का विकास दृढ़ सुधारों, डिजिटल प्रौद्योगिकी द्वारा सुगम बाजार पहुंच और सक्रिय नियामक उपायों के संयोजन का परिणाम है। प्रमुख उल्लेखनीय बिंदु निम्नलिखित हैं:
शेयर बाजार
- BSE सेंसेक्स और निफ्टी 50 द्वारा प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय शेयर बाजारों ने जनवरी 2014 से दिसंबर 2023 तक 13.5% का सीएजीआर (CAGR) दर्ज करके असाधारण प्रदर्शन किया।
- 2023 में अस्थिरता में आई कमी, जो बैलेंस शीट क्लीन-अप और डिलीवरेजिंग के परिणामस्वरूप बेहतर कॉर्पोरेट बुनियादी सिद्धांतों को दर्शाता है।
- डिजिटल प्रौद्योगिकी अपनाने से डीमैट खातों की संख्या में 536% की उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जो दिसंबर 2023 तक 13.9 करोड़ तक ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 आर्थिक परिदृश्य
- 2 लोचशीलता निर्मित करने की दिशा में भारत की जलवायु कार्रवाई
- 3 जलवायु कार्रवाई
- 4 भारत का बाह्य क्षेत्र: अनिश्चितताओं के बीच सुरक्षित रूप से संचालन
- 5 कौशल विकास और उद्यमिता
- 6 पिछले दशक में रोजगार की स्थिति
- 7 महिला-नेतृत्व के माध्यम से विकासः India/100 के लिए लैंगिक लाभांश का दोहन
- 8 कल्याण के प्रति नया दृष्टिकोण
- 9 मानव संसाधान - कल्याण के साथ विकास को अनुकूलित करना
- 10 व्यापक आर्थिक स्थिरता की सुरक्षा
भारतीय अर्थव्यवस्था - एक समीक्षा
- 1 द इंडियन ग्रोथ स्टोरी (1950 से 2014)
- 2 2014 तक विकास के अनुभव से सीख
- 3 2014-2024: परिवर्तनकारी विकास का दशक
- 4 पिछले दशक में भारत के विकास के संचालक
- 5 भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियां
- 6 चुनौतियों पर नियंत्रण हेतु सरकार के प्रयास
- 7 भविष्य के लिए दृष्टिकोण
- 8 घरेलू अर्थव्यवस्था
- 9 खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली कृषि क्षेत्र की नीतियां
- 10 भारतीय उद्योग में सुधार को बढ़ावा
- 11 डिजिटल अवसंरचना और नागरिक-केंद्रित सेवाओं की डिलीवरी
- 12 व्यापक आर्थिक स्थिरता की सुरक्षा
- 13 मानव संसाधान - कल्याण के साथ विकास को अनुकूलित करना
- 14 कल्याण के प्रति नया दृष्टिकोण
- 15 महिला-नेतृत्व के माध्यम से विकासः India/100 के लिए लैंगिक लाभांश का दोहन
- 16 पिछले दशक में रोजगार की स्थिति
- 17 कौशल विकास और उद्यमिता
- 18 भारत का बाह्य क्षेत्र: अनिश्चितताओं के बीच सुरक्षित रूप से संचालन
- 19 जलवायु कार्रवाई
- 20 लोचशीलता निर्मित करने की दिशा में भारत की जलवायु कार्रवाई
- 21 आर्थिक परिदृश्य