पिछले दशक में रोजगार की स्थिति

  • रोजगार में सकारात्मक रुझानः भारत में बेरोजगारी दर में गिरावट, श्रम बल भागीदारी में वृद्धि और संगठित क्षेत्र में नौकरियों की औपचारिकीकरण में वृद्धि देखी गई है।
  • EPFO डेटाः EPFO पे-रोल डेटा 2018-19 से 2022-23 तक तीन गुना शुद्ध पेरोल परिवर्द्धन के साथ, पेरोल परिवर्द्धन में लगातार साल-दर-साल वृद्धि का संकेत देता है।
  • गिग (Gig) इकोनॉमीः गिग इकॉनमी का उत्थान एक महत्वपूर्ण रोजगार सृजनकर्ता बन गया है, जिसने वित्तवर्ष 2020-21 (FY21) में 77 लाख श्रमिकों को रोजगार दिया है।
  • चुनौतियां और अवसरः हालांकि सकारात्मक परिवर्तन देखे गए हैं, लेकिन चुनौतियां बनी हुई हैं, जिनमें कार्यबल को औपचारिक बनाने, गैर-कृषि क्षेत्रें में नौकरियां ....
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भारतीय अर्थव्यवस्था - एक समीक्षा