स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की चुनौतियां एवं नीति
वर्तमान 21वीं सदी में भारत के लिए नागरिकों को उत्तम स्वास्थ्य व्यवस्था प्रदान करना चुनौती का विषय बना हुआ है। भारत में संचारी एवं गैर-संचारी रोग, मातृ प्रसवकालीन और पोषण संबंधी कमियां, मृत्युओं के महत्वपूर्ण कारण हैं।
- भारतीय संविधान में नागरिकों को स्वास्थ्य के अधिकार के साथ-साथ राज्य के कर्त्तव्य के अंतर्गत अनुच्छेद 47 के तहत लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा करने और लोक स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए गुणवत्ता युक्त पोषण आहार का प्रावधान किया गया है।
- इसके अतिरिक्त संविधान, अनुच्छेद 243 जी (Article 243G) के तहत पंचायतों और नगर पालिकाओं को भी सार्वजनिक स्वास्थ्य को मजबूत करने ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारत में उपशामक देखभाल और बुजुर्ग लोग
- 2 बहुआयामी गरीबी
- 3 सूक्ष्म वित्त संस्थान
- 4 भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश तथा इसका दोहन
- 5 भारत में बाल विवाह
- 6 महिला सशक्तीकरण और लैंगिक न्याय
- 7 निजी क्षेत्र में स्थानीय आरक्षण
- 8 कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव
- 9 सहकारिता के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक समृद्धि
- 10 ग्रामीण-शहरी डिजिटल डिवाइड