भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश तथा इसका दोहन
हार्वर्ड अर्थशास्त्री डेविड ब्लूम और डेविड कैनिंग ने ‘जनसांख्यिकीय लाभांश’ शब्द का प्रयोग किसी देश की जनसंख्या व आयु संरचना में परिवर्तन से होने वाले आर्थिक विकास में वृद्धि का वर्णन करने के लिए किया था। यह समय की अवधि, आमतौर पर 20 से 30 वर्ष को संदर्भित करता है, जिसके दौरान प्रजनन दर में गिरावट आती है और देश की कार्यशील उम्र की आबादी (15 से 64 वर्ष की आयु) अपनी आश्रित आबादी (14 और उससे कम, 65 और अधिक) के अनुपात में बढ़ती है।
- यदि स्वास्थ्य, शिक्षा, शासन और अर्थव्यवस्था में सही सामाजिक और आर्थिक निवेश तथा नीतियां बनाई ....
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