प्राचीन भारत में वैज्ञानिक एवं तकनीकी विकास

विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने मानव समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसा माना जाता है कि भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मेहरगढ़ (अब पाकिस्तान में) से शुरू हुई और पूरे देश के इतिहास में जारी रही।

प्राचीन काल में शल्य चिकित्सा एवं आयुर्वेद

  • भारतीय चिकित्सा पद्धति के विषय में सर्वप्रथम लिखित ज्ञान ‘अथर्ववेद’ में मिलता है। आयुर्वेद में धन्वंतरि संप्रदाय और सुश्रुत संप्रदाय शल्यचिकित्सा के प्रतीक माने जाते हैं।

वैदिक काल

  • वैदिक काल में वैदिक पुजारी पूजा-पाठ के साथ-साथ आयुर्वेद चिकित्सा के माध्यम से वैद्य का काम भी किया करते थे।
  • उस काल से ही चिकित्सक सर्जन स्वास्थ्य को ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
प्रारंभिक विशेष