संगम युगः समाज, प्रशासन और साहित्य

संगम युग दक्षिण भारत के इतिहास में सामान्यतः तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से तीसरी शताब्दी ईस्वी के बीच की अवधि को संदर्भित करता है। इस अवधि के दौरान प्रमुख राजनीतिक इकाइयां राजाओं द्वारा शासित कई छोटे राज्य थे। चेर, चोल, पांडड्ढ सबसे महत्वपूर्ण शक्तियां थीं। इस युग की जानकारी का मुख्य स्रोत संगमकालीन साहित्य है।

समाज

  • संगमकालीन ग्रंथ पुरुनानरू के अनुसार, समाज में चार वर्ग थे, जो शुîóुम वर्ग (ब्राह्मण एवं बुद्धिजीवी वर्ग), अरसर वर्ग (शासक एवं योद्धा वर्ग), बेनिगर वर्ग (व्यापारी वर्ग) और वेल्लाल वर्ग (किसान वर्ग) के रूप में वर्गीकृत थे।
  • इस काल के कवियों ने प्राचीन आदिम जनजातियों, ....
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