भारतीय दर्शन: महत्वपूर्ण विचार एवं संप्रदाय

प्राचीन भारतीय दर्शन का आरम्भ वेदों से होता है। वेद भारतीय धर्म, दर्शन, संस्कृति, साहित्य आदि सभी के मूल स्रोत हैं।

  • वर्तमान में भी धार्मिक एवं सांस्कृतिक कृत्यों के अवसर पर वेद-मंत्रों का गायन होता है। अनेक दर्शन-संप्रदाय वेदों को अपना आधार और प्रमाण मानते हैं।
  • उत्तर वैदिक काल में रचित उपनिषदों की रचना के साथ ही भारतीय दर्शन ने जन्म लिया।
  • वैदिक दर्शनों में षड्दर्शन अधिक प्रसिद्ध और प्राचीन हैं। ये छः दर्शन-न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, मीमांसा और वेदान्त है। गीता का कर्मवाद संबंधी दर्शन भी इनके समकालीन है।
  • षड्दर्शनों को ‘आस्तिक दर्शन’ कहा जाता है। वे वेद की सत्ता को ....
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