द्रविड़ मंदिर वास्तुकला

द्रविड़ मंदिर वास्तुकला, एक हिंदू मंदिर वास्तुकला उदहारण है जिसकी उत्पत्ति दक्षिणी भारतीय उपमहाद्वीप, विशेष रूप से दक्षिण भारत और श्रीलंका में हुई तथा सोलहवीं शताब्दी में अपने शिखर पर पहुंची। वर्तमान निर्माणों का बड़ा हिस्सा दक्षिणी भारतीय राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना में पाया जाता है।

द्रविड़ मंदिर वास्तुकला: विशेषताएं

द्रविड़ वास्तुकला शैली की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • मंदिर एक ऊंची चारदीवारी से घिरा होता है, जिसमें मंडपम के सामने की दीवार के मध्य में ऊंचा प्रवेश द्वार गोपुरम बना होता है।
  • मंदिर को पंचायतन शैली में निर्मित किया ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
प्रारंभिक विशेष