निम्न पर टिप्पणी लिखें: (i) बिहार में दलित आन्दोलन। (ii) राजेन्द्र प्रसाद की राष्ट्रीय आन्दोलन में भूमिका।

(i) बिहार में दलित आन्दोलन

दलित आन्दोलन का सामान्य अर्थ है दलित जनता, जो सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक रूप से समाज के हाशिए पर जीवन-यापन कर रही है। उनके समग्र उत्थान के लिए संगठित प्रयास करना। बिहार में दलित आन्दोलन को दो चरणों में देख सकते हैं-

  1. स्वतंत्रता पूर्व के अान्दोलन,
  2. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद के आन्दोलन।
  • स्वतंत्रता पूर्वः भारत के अन्य प्रान्तों की तुलना में बिहार में जाति सुधार आन्दोलन देर से प्रारंभ हुए। आरंभिक दौर में बिहार के दलित कांग्रेस से किसी बदलाव की उम्मीद से जुड़े रहे।
  • प्रारंभिक दौर में जगजीवन राम एवं जगलाल चौधरी जैसे बड़े नेताओं ने दलित आन्दोलन को ....
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