बिहार में तीव्र आर्थिक विकास में क्या बाधाएं हैं एवं उनका समाधान किस प्रकार किया जा सकता है?

स्वतंत्रता के समय प्रति व्यक्ति आय के आधार पर बिहार का स्थान पांचवां था, किन्तु 1970 के दशक आते-आते यह निम्न स्थान पर चला गया। जब झारखंड अलग हुआ तो विशाल उपभोक्ता समूह बिहार एवं राजस्व के स्रोत झारखंड में चले गए। इन्हीं के आलोक में हम आर्थिक विकास प्रमुख बाधाओं को देखेंगे-

  1. जनसंख्या वृद्धिः वर्तमान में बिहार की कुल प्रजनन दर NFHS (5) के अनुसार 3 है, जो देश में सर्वाधिक है और हम यह जानते हैं कि बढ़ती हुई जनसंख्या संसाधनों की उपलब्धता पर दबाव डालती है, जिससे अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ता है।
  2. निर्वाह कृषि पर निर्भरताः कृषि बिहार में ....

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